Illegal Immigration India-Pakistan: भारत सरकार ने शुक्रवार को मानवता और आपसी संबंधों को मजबूत करने के तहत 5 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा कर अटारी-वाघा बॉर्डर (Attari-Wagah Border) के जरिए पाकिस्तान भेज दिया। ये सभी कैदी अपनी सजा पूरी कर चुके थे और दोनों देशों की आपसी सहमति के तहत इन्हें रिहा किया गया। इनमें से किसी ने प्यार के लिए बॉर्डर पार किया था, किसी पर जासूसी का आरोप लगा था, और कुछ के वीजा खत्म हो गए थे।
मीडिया से बातचीत में इन कैदियों ने भारत सरकार और यहां के लोगों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि भारत में उन्हें कभी पराया महसूस नहीं हुआ और जेल में भी उन्हें इंसानों की तरह सम्मान मिला। इनमें से कुछ कैदी 15-17 साल भारत की जेलों में बिता चुके हैं।
रिहा किए गए कैदियों की कहानियां – किसी ने प्यार में गलती की, तो कोई गलतफहमी का शिकार हुआ
1. कराची का मसरूर – 16.5 साल जेल में बिताए
कराची (Karachi) निवासी मसरूर 2008 में भारत आया था। उसका वीजा 6 महीने का था, लेकिन जब वह तय समय पर वापस नहीं गया तो लखनऊ (Lucknow) पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। वह शीशा काटने और लगाने का काम करता था। वीजा खत्म होने पर उसे अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में उम्रकैद की सजा हुई। हाईकोर्ट में अपील के बाद उसने कुल 16.5 साल जेल में बिताए।
रिहाई के बाद मसरूर ने कहा, “मुझे भारत में जो प्यार और सम्मान मिला, उसे मैं कभी नहीं भूलूंगा।”
2. पंजाब के जाफर हुसैन पर जासूसी का आरोप – 17 साल की सजा
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत (Punjab, Pakistan) के जाफर हुसैन पर जासूसी का आरोप लगाया गया था। उसे राजस्थान (Rajasthan) की अलवर जेल (Alwar Jail) में रखा गया और 17 साल तक कैद में रखा गया। अब जब वह अपने वतन लौट रहा है, तो उसने कहा कि वह सबसे पहले अपने परिवार से मिलेगा, जिसे उसने इतने सालों से नहीं देखा।
3. नंदलाल – भारत में थी जमीन, लेकिन वीजा खत्म होने पर हुई गिरफ्तारी
नंदलाल की भारत के राजस्थान (Rajasthan) में जमीन थी, जिस पर उसके रिश्तेदारों ने कब्जा कर लिया था। वह अपनी जमीन छुड़ाने के लिए भारत आया था, लेकिन वीजा खत्म होने के कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसने 7 साल जेल में बिताए और अब पाकिस्तान लौट रहा है।
नंदलाल ने भारत सरकार से अपील की है कि उसे भारतीय नागरिकता दी जाए, क्योंकि उसकी पुश्तैनी जमीन भारत में है।
4. मछली पकड़ते हुए सीमा पार कर गया खादिम हुसैन
खादिम हुसैन मछली पकड़ते समय गलती से गुजरात (Gujarat) की सीमा में दाखिल हो गया। उसे भारतीय सुरक्षा बलों ने पकड़कर गुजरात की कच्छ जेल (Kutch Jail) भेज दिया। उसने 5 साल जेल में बिताए और अब अपने वतन लौट रहा है।
5. हरियाणा की लड़की से WhatsApp पर प्यार, बॉर्डर पार कर गया अजमल हुसैन
पाकिस्तान के कसूर (Kasur) जिले के अजमल हुसैन को हरियाणा (Haryana) की एक लड़की से प्यार हो गया था। दोनों की मुलाकात WhatsApp पर हुई और धीरे-धीरे बातचीत इतनी बढ़ गई कि अजमल शराब के नशे में भारत की सीमा में घुस आया।
2022 में भारतीय सुरक्षा बलों ने उसे पकड़ लिया और उसे तरनतारन जेल (Tarn Taran Jail) भेज दिया गया। उसे 2 साल की सजा हुई, जो अब पूरी हो चुकी है। रिहाई के बाद अजमल ने कहा, “मैंने प्यार में गलती की और अब भविष्य में कभी ऐसी गलती नहीं करूंगा।”
भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार की कोशिश?
प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण माहल (Arun Mahal) ने मीडिया को बताया कि ये सभी कैदी अपनी सजा पूरी कर चुके थे और अब शांति संदेश के तहत भारत सरकार ने उन्हें रिहा कर दिया है। यह रिहाई दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते अक्सर तनावपूर्ण रहते हैं, लेकिन इस तरह के मानवीय कदम द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की उम्मीद जगाते हैं। जिन कैदियों को रिहा किया गया है, उनकी कहानियां अलग-अलग हैं—किसी ने प्यार में गलती की, तो कोई नासमझी का शिकार हुआ। अब वे अपने वतन लौटकर नई जिंदगी की शुरुआत करने को तैयार हैं।