Illegal Immigration to USA: अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है कि पिछले तीन वर्षों में 4200 भारतीय नागरिकों को अवैध रूप से अमेरिका भेजने की साजिश में एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था। यह नेटवर्क मुख्य रूप से गुजरात (Gujarat) और पंजाब (Punjab) में सक्रिय था और एजेंटों द्वारा भारतीय नागरिकों को कनाडा (Canada) के रास्ते अमेरिका भेजा जा रहा था।
कैसे चल रहा था एजेंटों का खेल?
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, इन एजेंटों ने अवैध प्रवास के लिए एक सुनियोजित योजना बनाई थी। इसके तहत, अमेरिका जाने के इच्छुक भारतीय नागरिकों को पहले कनाडा के कॉलेजों में एडमिशन दिलवाया जाता था। जब वे वहां पहुंच जाते, तो वे कॉलेज छोड़कर अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश कर जाते थे।
फर्जी कॉलेज एडमिशन स्कीम: एजेंटों ने कई निजी कॉलेजों से संपर्क कर भारतीय छात्रों को दाखिला दिलाने की व्यवस्था की।
फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन हेराफेरी: EbixCash नामक एक वित्तीय सेवा कंपनी के माध्यम से ट्यूशन फीस का भुगतान किया गया, जिसे बाद में संदिग्ध पाया गया।
संदिग्ध ट्रांजेक्शन: 7 सितंबर 2021 से 9 अगस्त 2024 के बीच गुजरात से कनाडा के विभिन्न कॉलेजों में 8,500 से अधिक ट्रांजेक्शन किए गए। इसमें से 4,300 ट्रांजेक्शन दोहराए गए, जिससे पता चलता है कि 4,200 ट्रांजेक्शन का उपयोग अवैध रूप से अमेरिका जाने के लिए किया गया।
40 लाख की दलाली, 1 करोड़ का खेल!
ईडी की जांच में सामने आया कि अमेरिका जाने के इच्छुक लोगों से 40 से 50 लाख रुपये प्रति व्यक्ति वसूले जाते थे।
एजेंट पहले व्यक्ति को कनाडा के कॉलेज में दाखिला दिलाते।
कॉलेज की फीस 60 लाख से 1 करोड़ रुपये में वापस ली जाती।
व्यक्ति के वहां पहुंचते ही वीजा का दुरुपयोग कर अमेरिका में अवैध एंट्री करवाई जाती।
धनराशि को कई वित्तीय प्रक्रियाओं के माध्यम से छुपाने का प्रयास किया जाता।
गुजरात में परिवार की मौत से खुला मामला
ईडी ने यह जांच जनवरी 2023 में गुजरात पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर (FIR) के आधार पर शुरू की थी। मामला 2022 में गुजरात के एक परिवार की कनाडा-अमेरिका सीमा पर ठंड से मौत से जुड़ा था। यह परिवार अवैध रूप से सीमा पार करने की कोशिश कर रहा था, जिसमें चार भारतीय नागरिकों की मौत हो गई और सात अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया।
इस मामले में गुजरात के भावेश पटेल (Bhavesh Patel) नामक व्यक्ति की संलिप्तता सामने आई है।
पटेल ने KIEC International LLP नामक इमिग्रेशन फर्म के जरिए मृतकों को कनाडा का वीजा दिलवाया था।
यह फर्म पहले भी कई अवैध इमिग्रेशन मामलों में संदेह के घेरे में रही है।
ईडी ने तेज की जांच, कई एजेंट रडार पर
ईडी अब इस पूरे नेटवर्क की गहन जांच कर रहा है। जांच के दायरे में एजेंट, इमिग्रेशन फर्म और कई संदिग्ध कंपनियां आ गई हैं।
ईडी ने 4000 से अधिक संदिग्ध वित्तीय लेनदेन को चिह्नित किया है।
कई निजी कॉलेजों की भूमिका की जांच की जा रही है।
अमेरिका और कनाडा की एजेंसियों से समन्वय किया जा रहा है।
क्या होगा आगे?
अब यह देखना होगा कि ईडी की इस जांच से कितने बड़े नाम सामने आते हैं। अमेरिका जाने के लिए अवैध तरीकों का इस्तेमाल करने वाले भारतीय नागरिकों पर भी शिकंजा कस सकता है।