Punjab Government Action – पंजाब सरकार की सख्ती के बाद राजस्व विभाग (Revenue Department) के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने बिना शर्त हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया है। तहसीलदार एसोसिएशन (Tehsildar Association) के अध्यक्ष सुखचरन सिंह चन्नी (Sukhcharan Singh Channi) ने मीडिया को बताया कि सभी तहसीलदार काम पर लौट चुके हैं। वहीं, सरकार ने बुधवार को दोपहर बाद 235 राजस्व अधिकारियों के तबादले कर दिए, जिनमें 58 तहसीलदार और 177 नायब तहसीलदार शामिल हैं।
तबादले के बाद DC को रिपोर्ट करेंगे तहसीलदार
सरकार के आदेश के अनुसार, सभी तहसीलदारों को नए जिलों में तैनात किया गया है, लेकिन उन्हें कौन सा स्टेशन मिलेगा, इसका फैसला संबंधित जिलों के डिप्टी कमिश्नर (DC) करेंगे। यानी तहसीलदारों को अब पहले DC को रिपोर्ट करनी होगी, उसके बाद ही उनकी पोस्टिंग तय होगी। सरकार ने साफ कर दिया है कि वह ब्लैकमेलिंग की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेगी और किसी भी स्तर पर अपने फैसले से पीछे नहीं हटेगी।
CM भगवंत मान ने दी थी कड़ी चेतावनी
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने सोशल मीडिया पर तहसीलदारों के विरोध पर कटाक्ष करते हुए लिखा,
“तहसीलदार अपने भ्रष्ट साथियों के समर्थन में हड़ताल पर जा रहे हैं। लेकिन हमारी सरकार रिश्वतखोरी के खिलाफ है।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही अन्य अधिकारियों को तहसीलों में नियुक्त कर दिया था, ताकि आम जनता को किसी भी तरह की परेशानी न हो।
कैसे शुरू हुआ था विवाद?
- विजिलेंस ब्यूरो (Vigilance Bureau) की कार्रवाई के खिलाफ सोमवार को तहसीलदार सामूहिक अवकाश पर चले गए।
- तहसीलदारों ने ऐलान किया था कि वे शुक्रवार तक हड़ताल पर रहेंगे।
- CM भगवंत मान ने मंगलवार को सख्त चेतावनी दी थी कि जो तहसीलदार शाम 5 बजे तक ड्यूटी पर नहीं लौटेगा, उसे सस्पेंड कर दिया जाएगा।
- चेतावनी के बावजूद जब कुछ तहसीलदारों ने काम पर लौटने से इनकार किया, तो रात में 15 तहसीलदारों को सस्पेंड कर दिया गया।
सरकार का बड़ा फैसला – 235 अधिकारियों का ट्रांसफर
सरकार ने बिना किसी देरी के 58 तहसीलदारों और 177 नायब तहसीलदारों के तबादले कर दिए। इनमें से कई अधिकारियों को 200 से 250 किलोमीटर दूर तैनात किया गया है। किसी भी अधिकारी की पोस्टिंग 100 किलोमीटर से कम दूरी पर नहीं की गई।
सरकार ने क्या कहा?
सरकार ने साफ कर दिया है कि,
- अगर कोई अधिकारी वापस नहीं लौटा, तो उसे निलंबित कर दिया जाएगा।
- हड़ताल और सामूहिक अवकाश को ब्लैकमेलिंग की रणनीति माना जाएगा, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- तहसीलदारों की हड़ताल जनता को परेशान करने की साजिश थी, जिसे सरकार ने नाकाम कर दिया।
कहां-कहां लौटे अधिकारी?
सरकार की सख्ती के बाद कई जिलों में तहसीलदार काम पर लौट आए।
- मोहाली (Mohali)
- संगरूर (Sangrur)
- मोगा (Moga)
इन जिलों में अधिकारियों ने फिर से दस्तावेजों की रजिस्ट्री और अन्य प्रशासनिक कार्य शुरू कर दिए हैं।
अब आगे क्या?
अब तहसीलदारों को अपने नए जिलों में DC के पास रिपोर्ट करना होगा, जहां उनकी पोस्टिंग का निर्णय लिया जाएगा। सरकार ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।