Rape Case Bail : बलात्कार के एक (Rape Case) में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) द्वारा दिया गया हालिया फैसला चर्चा का विषय बन गया है। कोर्ट ने पीड़िता को ही इस पूरी घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया और आरोपी को जमानत दे दी। यह मामला सितंबर 2024 का है, जब नोएडा (Noida) की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली छात्रा ने आरोप लगाया था कि दिल्ली (Delhi) के एक बार में मिले एक युवक ने नशे की हालत में उसके साथ रेप किया। वहीं आरोपी ने कोर्ट में दावा किया कि यह सहमति से हुआ था।
जस्टिस संजय कुमार सिंह (Justice Sanjay Kumar Singh) की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी। आरोपी को 11 दिसंबर 2024 को गिरफ्तार किया गया था और उस पर आरोप था कि उसने हौज खास (Hauz Khas, Delhi) के एक बार में मिली लड़की के साथ बलात्कार किया। कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि लड़की ने खुद ही इस स्थिति को न्योता दिया और वह ही इस कथित अपराध की ज़िम्मेदार है।
मामले के अनुसार, पीड़िता अपने तीन दोस्तों के साथ दिल्ली के एक बार में गई थी। वहां उसकी मुलाकात कुछ परिचितों से हुई, जिनमें आरोपी भी था। पीड़िता का कहना है कि शराब पीने के बाद वह नशे में थी और आरोपी लगातार उसके करीब आता जा रहा था। देर रात सुबह 3 बजे तक बार में रहने के बाद आरोपी ने उसे अपने साथ चलने के लिए कहा और वह ‘आराम’ करने के लिए उसके साथ जाने को तैयार हो गई।
पीड़िता ने नोएडा पुलिस (Noida Police) को बताया कि रास्ते में आरोपी उसे अनुचित तरीके से छू रहा था और नोएडा में उसके घर की बजाय उसे गुड़गांव (Gurgaon) स्थित अपने रिश्तेदार के फ्लैट पर ले गया, जहां उसने कथित रूप से बलात्कार किया। पीड़िता का यह भी आरोप था कि वहां दो बार रेप हुआ।
वहीं आरोपी की ओर से दाखिल जमानत याचिका (Bail Petition) में दावा किया गया कि महिला सहमति से उसके साथ गई थी और किसी प्रकार का बलात्कार नहीं हुआ। आरोपी ने यह भी कहा कि उसने महिला की मदद की और वह खुद ही ‘आराम’ करने के लिए उसके साथ गई थी।
बार एंड बेंच (Bar & Bench) की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने कहा, “अगर पीड़िता के आरोपों को सही मान भी लिया जाए, तो यह माना जा सकता है कि उसने खुद ही इस परिस्थिति को बुलावा दिया। उनकी मेडिकल रिपोर्ट में हाइमन टूटा पाया गया, लेकिन डॉक्टर ने यौन हिंसा की पुष्टि नहीं की।”
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें, उपलब्ध साक्ष्य और केस की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कहा कि आरोपी को जमानत दी जा सकती है। अदालत ने कहा, “मुझे लगता है कि इस स्थिति में आरोपी को बेल दी जानी चाहिए।” इसके साथ ही कोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली।