Minimum Support Price (MSP): फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी को लेकर 19 मार्च को चंडीगढ़ (Chandigarh) में केंद्र सरकार और शंभू (Shambhu)-खनौरी (Khannauri) बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच बैठक होने वाली है। इससे पहले, किसानों ने अपनी MSP रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है।
किसानों का दावा है कि 25 से 30 हजार करोड़ रुपये की लागत में केंद्र सरकार MSP पर फसलों की खरीद सुनिश्चित कर सकती है। अब केंद्र सरकार इस रिपोर्ट पर विशेषज्ञों की राय लेगी। वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सरकार पर दबाव बना रहे हैं।
डल्लेवाल का आमरण अनशन 106वें दिन में, मेडिकल सहायता ठुकराई
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) का आमरण अनशन अब 106वें दिन में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने पिछले 4 दिनों से किसी भी प्रकार की मेडिकल सहायता लेने से इनकार कर दिया है। उनकी बिगड़ती सेहत को देखते हुए किसान नेताओं में चिंता बढ़ रही है।
शंभू-खनौरी बॉर्डर पर एक साल से जारी आंदोलन
यह आंदोलन 13 फरवरी 2024 से शंभू और खनौरी बॉर्डर (Shambhu-Khannauri Border) पर चल रहा है। अब तक किसानों और केंद्र सरकार के बीच 6 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में यह प्रदर्शन हो रहा है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने अब तक इस संघर्ष में शामिल होने से परहेज किया है। हालांकि, एकता बनाए रखने को लेकर 6 दौर की बैठकें हो चुकी हैं।
केंद्र से वार्ता से पहले आंदोलन को तेज करने की रणनीति
किसानों ने 23 मार्च तक आंदोलन तेज करने के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा की है।
- 16 मार्च – तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तानकाशी (Tenkasi) जिले में MSP गारंटी कानून पर किसान सम्मेलन।
- 17 मार्च – चंडीगढ़ (Chandigarh) में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा कृषि विशेषज्ञों के साथ MSP गारंटी कानून पर संयुक्त बैठक।
- 23 मार्च – शहीद भगत सिंह (Shaheed Bhagat Singh) के शहीदी दिवस पर दाता सिंह वाला-खनौरी (Data Singh Wala-Khannauri), शंभू (Shambhu) और रतनापुर (Ratanpur) मोर्चों पर विशेष कार्यक्रम।
अब क्या होगा?
किसान आंदोलन फिर से उग्र हो सकता है, क्योंकि सरकार और किसान संगठनों के बीच सहमति नहीं बन पा रही। MSP गारंटी पर सरकार का अगला कदम और 19 मार्च की बैठक का नतीजा बेहद अहम होगा।