Mizoram Liquor Ban में बदलाव की तैयारी करते हुए मिजोरम सरकार राज्य में चावल और फलों से बनी शराब और बीयर की बिक्री की अनुमति देने के लिए आज विधानसभा (Assembly) में एक विधेयक पेश कर रही है। हालांकि, मुख्यमंत्री लालदुहोमा (CM Lalduhoma) ने स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार राज्य में शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं देगी।
राज्य सरकार ने कहा है कि इस विधेयक के तहत केवल लाइसेंस धारकों (Licensed Vendors) को ही बिक्री और निर्माण की अनुमति होगी। इसके अलावा, राज्य में पारंपरिक मिजो शराब (Mizo Traditional Liquor) की भी बिक्री की अनुमति दी जाएगी।
सरकार का बड़ा कदम, चर्चों से ली गई सहमति
जोरम पीपल्स मूवमेंट (Zoram People’s Movement – ZPM) सरकार मिजोरम शराब (प्रतिबंध) अधिनियम, 2019 में संशोधन करने जा रही है। इस संशोधन को विभागीय मंत्री लालनगिहलोवा हमार (Lalngihlova Hmar) विधानसभा में पेश करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं देगी, बल्कि राज्य में स्थानीय रूप से उत्पादित शराब और बीयर की बिक्री को नियंत्रित करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस फैसले पर चर्चों से सलाह ली गई थी और उन्हें सहमति मिल चुकी है।
शराबबंदी कानून की समीक्षा की गई थी
मार्च 2024 में विधानसभा में सरकार ने जानकारी दी थी कि राज्य के शराब प्रतिबंध कानून की समीक्षा की जाएगी। हालांकि, सरकार शराब की दुकानों को फिर से खोलने की मांगों पर विचार नहीं करेगी।
गौरतलब है कि मिजोरम में शराबबंदी का लंबा इतिहास रहा है। 2019 में राज्य में फिर से शराब पर प्रतिबंध लगाया गया था। इससे पहले 1984 में शराब की बिक्री की अनुमति दी गई थी, लेकिन 1987 में इसे बंद कर दिया गया। 1995 में मिजोरम पूर्ण शराब प्रतिबंध अधिनियम (Mizoram Total Liquor Prohibition Act) लागू किया गया और 1997 में इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया।
2015 में सरकार ने एक नया कानून लाकर शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी, लेकिन मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) सरकार ने अपने चुनावी वादे के तहत इस नीति को बदलते हुए दोबारा शराबबंदी लागू कर दी। अब, इस नए बिल से राज्य में शराबबंदी की नीति में आंशिक बदलाव होने की संभावना है।