Punjab Farmers Protest एक बार फिर चर्चा में है। संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha – SKM) ने आज, 5 मार्च से चंडीगढ़ (Chandigarh) के सेक्टर 34 में अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा की है। किसान MSP (Minimum Support Price) की गारंटी सहित 13 मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने मोहाली (Mohali) से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ चंडीगढ़ में घुसने का ऐलान किया है, लेकिन अब तक उन्हें धरने की अनुमति नहीं मिली है।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए चंडीगढ़ पुलिस (Chandigarh Police) ने पंजाब (Punjab) से लगे सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं। यहां तक कि शहर में प्रवेश करने वाले बाइक और कार सवारों के भी आईडी प्रूफ (ID Proof) चेक किए जा रहे हैं। इससे खरड़-चंडीगढ़ हाईवे (Kharar-Chandigarh Highway) पर लंबा जाम लग गया है।
CM भगवंत मान (Bhagwant Mann) से बैठक में हुई बहस, भड़के किसान
किसानों के प्रदर्शन से पहले, 26 फरवरी को SKM (Samyukt Kisan Morcha) की बैठक में अनिश्चितकालीन धरने का फैसला लिया गया था। इसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Punjab CM Bhagwant Mann) ने किसान नेताओं के साथ एक बैठक की।
इस बैठक में MSP कानून और पंजाब सरकार से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन किसानों और मुख्यमंत्री के बीच तीखी बहस हो गई। इस दौरान CM भगवंत मान मीटिंग छोड़कर चले गए। उन्होंने कहा, “मैंने किसानों से पूछा कि जब उनकी मांगें केंद्र सरकार से जुड़ी हैं, तो फिर उन्होंने मुझे ढाई घंटे तक क्यों बैठाया?”
पंजाब पुलिस का एक्शन, कई किसान नेता हिरासत में
बैठक के अगले दिन, यानी 4 मार्च को पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal) समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया या उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया ताकि वे चंडीगढ़ न पहुंच सकें।
हालांकि, इस कार्रवाई के बावजूद किसान अपने आंदोलन को जारी रखने पर अड़े हैं। भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union – BKU) के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां (Joginder Singh Ugrahan) ने किसानों से अपील की कि जहां भी पुलिस उन्हें रोके, वे वहीं सड़क किनारे बैठकर प्रदर्शन करें। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस (Punjab Police) किसानों को बदनाम करने की साजिश रच रही है।
चंडीगढ़ में हाई अलर्ट, पुलिस कड़ी निगरानी में
चंडीगढ़ में बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है। पुलिस की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। किसान संगठन भी पूरी तैयारी में हैं और अब देखना यह होगा कि यह आंदोलन क्या नया मोड़ लेता है।