नई दिल्ली, 08 फ़रवरी (The News Air):- अगर आप भी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी छोटी बचत योजनाओं में निवेश कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए निराशाजनक हो सकती है। दरअसल, सरकार अगले वित्तीय वर्ष (FY26) की पहली तिमाही, यानी अप्रैल से जून तक के लिए इन योजनाओं पर ब्याज दरों को कम करने पर विचार कर रही है। इसका कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा की गई रेपो रेट में कटौती हो सकती है।
आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कमी की है, ताकि सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके। इसके बाद सरकार का वित्त मंत्रालय छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें कम करने की योजना बना सकता है, ताकि खपत बढ़ाई जा सके। बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, सरकारी सूत्रों ने इस बदलाव का संकेत दिया है।
मार्च तिमाही में ब्याज दरें स्थिर
अभी के लिए, मार्च तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सुकन्या समृद्धि योजना में जमा पर 8.2 प्रतिशत की ब्याज दर दी जा रही है, जबकि तीन साल की सावधि जमा पर 7.1 प्रतिशत ब्याज दर मिल रही है। इसके अलावा, PPF और डाकघर बचत योजना की ब्याज दरें क्रमशः 7.1 प्रतिशत और 4 प्रतिशत पर स्थिर हैं। किसान विकास पत्र पर 7.5 प्रतिशत और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) पर 7.7 प्रतिशत ब्याज दर बनी हुई है। मासिक आय योजना में निवेश पर 7.4 प्रतिशत ब्याज मिलता है।
आखिरी बदलाव कब हुआ था?
सरकार ने पिछली बार वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में कुछ योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव किया था। इन योजनाओं की ब्याज दरें सरकार हर तिमाही में तय करती है और डाकघर और बैंक इन्हें लागू करते हैं।
रेपो रेट में कटौती के बाद क्या हुआ?
आरबीआई ने हाल ही में रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया है। इसका असर यह होगा कि मकान और वाहन जैसे कर्जों की मासिक किस्तों (EMI) में कमी आने की संभावना है।