Delhi Secretariat Sealed – दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ऐतिहासिक जीत के बाद, अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद, दिल्ली सचिवालय (Delhi Secretariat) को सील करने का आदेश जारी किया गया। यह फैसला दिल्ली सरकार (Delhi Government) के सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Department – GAD) ने लिया, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
AAP की हार के तुरंत बाद क्यों सील हुआ दिल्ली सचिवालय?
दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) द्वारा जारी किए गए आदेश में साफ किया गया कि
- सुरक्षा कारणों से सचिवालय को सील किया गया है।
- किसी भी सरकारी दस्तावेज (Files), कंप्यूटर हार्डवेयर (Computer Hardware) या अन्य महत्वपूर्ण सामग्रियों को बाहर ले जाने पर रोक लगा दी गई है।
- GAD की अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति सरकारी कागजात या हार्डवेयर बाहर नहीं ले जा सकता।
क्या चुनावी हार से जुड़ा है यह फैसला?
AAP सरकार की हार के तुरंत बाद Delhi Secretariat को सील किए जाने पर सवाल उठ रहे हैं।
- क्या सरकार को किसी दस्तावेज या डाटा के लीक होने का डर था?
- क्या कोई महत्वपूर्ण फाइल या हार्डवेयर चोरी होने की आशंका थी?
- क्या यह कदम भाजपा सरकार (BJP Government) के सत्ता संभालने से पहले फाइलों की सुरक्षा के लिए उठाया गया?
27 साल बाद दिल्ली में BJP की वापसी
दिल्ली में 27 सालों के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) सत्ता में लौट रही है।
- बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि AAP सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई।
- केजरीवाल (Arvind Kejriwal) अपनी खुद की सीट भी नहीं बचा पाए और भाजपा के प्रवेश वर्मा (Pravesh Verma) से हार गए।
- AAP के बड़े नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) भी जंगपुरा (Jangpura) से चुनाव हार गए।
BJP सरकार क्या करेगी?
भाजपा सरकार के सत्ता संभालने से पहले उठाए गए इस कदम को लेकर राजनीतिक विवाद शुरू हो चुका है।
- भाजपा नेताओं का कहना है कि सभी सरकारी दस्तावेजों को सुरक्षित रखना जरूरी है, ताकि नई सरकार को काम करने में कोई दिक्कत न हो।
- AAP के समर्थकों का आरोप है कि यह कार्रवाई सरकार बदलने से पहले महत्वपूर्ण डेटा को छिपाने के लिए की गई है।
क्या आगे और जांच होगी?
Delhi Secretariat को सील किए जाने की घटना के बाद कई कयास लगाए जा रहे हैं। अब यह देखना होगा कि
- भाजपा सरकार इस मामले की जांच कराएगी या नहीं?
- क्या कोई महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज पहले ही हटाए जा चुके हैं?
- क्या दिल्ली सचिवालय में हुई गतिविधियों को लेकर कोई नई रिपोर्ट सामने आएगी?