Shehla Rashid Sedition Case – दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court, Delhi) ने JNU (Jawaharlal Nehru University) की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद शोरा (Shehla Rashid Shora) के खिलाफ देशद्रोह का मामला वापस लेने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की अर्जी को स्वीकार करते हुए 2019 में दर्ज केस को खत्म करने का आदेश दिया। शेहला के खिलाफ यह मामला भारतीय सेना के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट्स करने के बाद दर्ज किया गया था।
कोर्ट का बड़ा फैसला
दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor of Delhi) वीके सक्सेना (VK Saxena) ने स्क्रीनिंग कमेटी (Screening Committee) की सिफारिश के बाद शेहला के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी वापस ले ली थी। इसी आधार पर पुलिस ने केस वापस लेने की अपील की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
क्या था पूरा मामला?
18 अगस्त 2019 को शेहला राशिद ने अपने सोशल मीडिया (Social Media) अकाउंट पर भारतीय सेना (Indian Army) को लेकर विवादित ट्वीट किए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि सेना कश्मीर में घरों में घुसकर स्थानीय लोगों को प्रताड़ित कर रही है। हालाँकि, भारतीय सेना ने इन आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद (Baseless) और ग़लत (False) बताते हुए खारिज कर दिया था।
देशद्रोह का मुकदमा क्यों हुआ दर्ज?
शेहला राशिद पर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124A (Sedition), 153A (समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने) और 505 (सार्वजनिक शांति भंग करने वाले बयान देने) के तहत देशद्रोह का मामला (Sedition Case) दर्ज किया था।
कैसे खत्म हुआ केस?
दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा कि एलजी वीके सक्सेना ने 23 दिसंबर 2024 को स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिश को स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद शेहला राशिद के खिलाफ मुकदमा आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया गया। कोर्ट ने भी इस पर सहमति जताते हुए मामला खत्म करने का आदेश जारी कर दिया।
शेहला राशिद को मिली बड़ी राहत
इस फैसले के बाद शेहला राशिद शोरा को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने अपने ट्वीट्स को लेकर पहले भी सफाई दी थी, लेकिन उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही जारी थी। अब कोर्ट के फैसले के बाद उन पर लगे देशद्रोह के आरोप पूरी तरह हट चुके हैं।
क्या आगे कोई कानूनी कार्रवाई होगी?
फिलहाल इस केस में अब कोई आगे कानूनी कार्यवाही (Legal Action) नहीं होगी, क्योंकि कोर्ट ने केस को पूरी तरह खत्म कर दिया है। लेकिन यह मामला सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।