चंडीगढ़, 18 मई
कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा अपनी गहरी नींद से जागते ही कोरोना से जूझ रहे लोगों के झूठे मसीहा बनने के मनसूबे के साथ पंजाब के सरपंचों के साथ बात-चीत करने के पाखंड के ऊपर पलटवार करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विधायक और किसान विंग पंजाब के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सिर्फ मन की बात करने की जगह कोरोना मामलों में फेल होने पर पंजाब के लोगों से माफी मांगने और बड़े दावे करने की बजाए घरों में बैठे गरीब लोगों, दुकानदारों और मजदूरों की वित्तीय सहायता करने के आदेश जारी करें।
मंगलवार को पार्टी के मुख्य दफ्तर से जारी एक बयान में विधायक कुलतार सिंह संधवां ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने साढ़े 4 साल की सत्ता के दौरान पहली बार सरपंचों के साथ अपने फार्म हाऊस से बातचीत की है। जिस से पता चलता है कि कोरोना महामारी से निपटने में पूरी तरह फेल कैप्टन अमरिंदर सिंह भी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ करने के रास्ते पर चल पड़े हैं। जो एक ड्रामे से ज़्यादा कुछ भी नहीं है।
कैप्टन सरकार की अलोचना करते संधवां ने कहा कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की बीच की दयनीय सेहत सुविधाओं का आलम यह है कि लोग फ़तेह किटों, ऑक्सीजन, और दवाओं की भारी कमी के साथ जूझ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने उचित प्रबंध तो क्या करने थे केंद्र सरकार की तरफ़ से भेजे गए वेंटिलेटर ख़राब पड़े हैं। उन्होंने कहा आम लोगों की जानें बचाने का सरकार के पास कोई प्रबंध नहीं। दूसरी तरफ़ कांग्रेसी और अकाली नेताओं की संरक्षण प्राप्त प्राईवेट अस्पतालों के मालिक कोरोना पीड़ितों का इलाज के नाम पर आर्थिक शोषण कर रहे हैं, इसी लिए कैप्टन सरकार इन अस्पतालों ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही नहीं कर रही।
विधायक संधवां ने कहा कि कोरोना महामारी के साथ निपटने की ज़िम्मेदारी प्रदेश के लोगों पर डालने की बजाए कैप्टन सरकार अपनी, नाकामियों पर चर्चा करे और असफलता के लिए लोगों से माफी मांगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि सरकारी अस्पतालों में दयनीय प्रबंधों की जांच करवाई जाए और प्रदेश में सेहत सेवाओं को अच्छा बनाने के लिए तुरंत बड़ी संख्या में डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ की भर्ती की जाए।