Amritsar Mayor Election : अमृतसर (Amritsar) मेयर चुनाव मामले में कांग्रेस (Congress) ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab & Haryana High Court) में याचिका दायर कर चुनाव को चुनौती दी, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह सुनवाई के योग्य नहीं है। कोर्ट ने कांग्रेस को चुनाव ट्रिब्यूनल (Election Tribunal) जाने की सलाह दी है।
अदालत के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रवक्ता नील गर्ग (Neel Garg) ने कहा कि हाईकोर्ट ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष था और कांग्रेस को अपने “ड्रामे” बंद करने चाहिए।
चुनाव नतीजों में कांग्रेस बनी थी सबसे बड़ी पार्टी
अमृतसर नगर निगम (Amritsar Municipal Corporation) चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ा दल बनी थी और पार्टी को उम्मीद थी कि वह मेयर पद हासिल कर लेगी। लेकिन करीब एक महीने बाद राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए।
चुनाव के दौरान भारी बवाल हुआ, जिसमें कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर धक्केशाही करने का आरोप लगाया। इसके अलावा, चुनाव के बाद नगर निगम के नव-निर्वाचित पार्षदों पर एफआईआर भी दर्ज कर ली गई। हालांकि, यह केस अज्ञात पार्षदों के खिलाफ दर्ज किया गया है।
मेयर चुनाव में अनियमितताओं के आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मेयर चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों पर कैमरे तोड़ दिए गए थे। इसको लेकर पुलिस थाना मजीठा रोड (Majitha Road Police Station) ने नगर निगम कमिश्नर (Municipal Commissioner) की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है। मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 324(5), 304(2) और 190 लगाई गई है।
निगम चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा
पंजाब (Punjab) की पांच नगर निगमों में लंबे समय से चुनाव नहीं हुए थे। यह मामला पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab & Haryana High Court) में पहुंचा और फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक चला गया।
सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2024 के अंत में पंजाब सरकार को आदेश दिया था कि आठ हफ्तों के भीतर चुनाव कराए जाएं। इसके बाद, चुनाव पुरानी वार्डबंदी के आधार पर संपन्न कराए गए।
अब तक चार नगर निगमों – पटियाला (Patiala), अमृतसर (Amritsar), जालंधर (Jalandhar) और लुधियाना (Ludhiana) में आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपना मेयर नियुक्त कर दिया है।
हाईकोर्ट के फैसले से कांग्रेस को झटका लगा है, क्योंकि कोर्ट ने चुनाव की वैधता पर सवाल उठाने वाली याचिका खारिज कर दी है। अब कांग्रेस को न्याय की उम्मीद के लिए चुनाव ट्रिब्यूनल का रुख करना होगा। वहीं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को अपनी जीत के रूप में देखा है और कहा कि चुनाव निष्पक्ष रूप से संपन्न हुआ था। अब देखने वाली बात यह होगी कि कांग्रेस आगे क्या रणनीति अपनाती है।