नई दिल्ली, 29 जनवरी (The News Air) आम आदमी पार्टी ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में हुई भगदड़ और उसमे मारे गए लोगों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और उसके प्रशासन को जिम्मेदार बताया है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह का कहना है कि महाकुंभ में वीआईपी मूवमेंट के चलते रास्ते बंद करने और बड़े स्तर पर बद-इंतजामी की वजह से यह भगदड़ हुई है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि मृतकों को अपने पवित्र चरणों में स्थान दें। कई अखाड़ों ने वहां की व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी सेना को देने का निवेदन किया था, लेकिन उसे नहीं माना गया। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से अनुरोध है कि सरकार महाकुंभ में वीआईपी मूवमेंट को बंद करे। वहां सभी एक आम आदमी की तरह जाएं और स्नान करके वापस आएं।
वहीं, दिल्ली की सीएम आतिशी ने भी एक्स पर कहा है कि महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति दें और उनके परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति दें। सभी श्रद्धालु संयम रखते हुए सुरक्षा नियमों और निर्देशों का पालन करें ताकि ये आयोजन सुरक्षित बना रहे।
‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता व सांसद संजय सिंह ने कहा कि वहां से जो दृश्य आए हैं, वो बेहद भयावह और पीड़ादायक हैं। एक महिला अपने किसी परिजन को मुंह से ऑक्सीजन देकर उसे जिंदा रखने की कोशिश कर रही थी। कई सारे ऐसे वीडियो आए जिसमें इस भगदड़ के दौरान मारे गए लोगों को स्ट्रेचर पर लेकर जाया जा रहा है। परम पूज्य महामंडलेश्वर प्रेमानंद महाराज के अनुसार लगभग 20 से 25 अखाड़ों ने बार-बार निवेदन किया कि महाकुंभ में भीड़ बहुत बढ़ रही है। सरकार यहां की व्यवस्था देश की सेना के हवाले दे दे। मुझे लगता है कि इसमें कोई बुराई नहीं थी। भारतीय सेना ऐसे हर मौके पर आगे आकर व्यवस्था को बनाने में अपना सहयोग देती है। लेकिन अखाड़ों के इस निवेदन को नहीं माना गया। यह महामंडलेश्वर प्रेमानंद महाराज का बयान है।
संजय सिंह ने कहा कि वहां वीआईपी व्यवस्था के कारण कई सारे रास्ते बंद किए गए। हालांकि हम इस पर कुछ बोलना नहीं चाह रहे थे। यह एक धार्मिक पर्व है। इसलिए हम चाहते हैं कि सभी लोग इसे खुशी-खुशी मनाएं। लेकिन वहां की बद-इंतजामी को लेकर पहले से कई वीडियो आ रहे थे। लोग कह रहे थे कि वीआईपी मूवमेंट के कारण रास्ते बंद रहते हैं।
संजय सिंह ने कहा कि मैं उस भगदड़ में किसी तरह बचने वाले एक व्यक्ति का बयान सुन रहा था और वह कह रहे थे कि रात में 1 बजे पुलिस प्रशासन वहां पहुंचा और लोगों के साथ जबरदस्ती करने लगा कि चलो उठो और नहाओ। उन्होंने कहा कि रात में एक बजे कहां नहाने जाएंगे, यह कोई सही मुहूर्त नहीं है। ऐसे में वहां अचानक परिस्थितियां बिगड़ीं और यह दुखद घटना घटी। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि जो लोग भी इस घटना में मारे गए हैं प्रभु उनकी पुण्य आत्मा को अपने पवित्र चरणों में स्थान दे और भगवान उनके परिवार को यह कष्ट सहने की शक्ति दे।
संजय सिंह ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहना चाहूंगा कि कृपा करके अब सारे वीआईपी मूवमेंट रोक दें। अगर वह महाकुंभ में आए हुए सभी धार्मिक श्रद्धालुओं, उनकी व्यवस्था और भावनाओं का ख्याल करते हैं तो जब तक यह स्नान चल रहा है, सारे वीआईपी मूवमेंट बंद कर दें। लोग एक आम इंसान की तरह जाएं और वहां स्नान करके वापस आएं। वीआईपी गिरी के चक्कर में अगर ऐसी बड़ी घटना हो जाए तो मुझे लगता है कि यह उत्तर प्रदेश के प्रशासन और मुख्यमंत्री के लिए बहुत चिंताजनक बात है।
वहीं, ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह एक बहुत गंभीर मामला है। उत्तर प्रदेश की सरकार ने पहले तो सभी देशवासियों को महाकुंभ के लिए आमंत्रित किया। यूपी सरकार ने बताया कि उन्होंने बहुत अच्छी व्यवस्था की है। उसके बाद उस प्रदेश के मुख्यमंत्री, जिन्हें प्रशासन व्यवस्था देखनी चाहिए थी, वह उत्तर प्रदेश को छोड़कर दिल्ली में राजनीतिक रैलियां कर रहे हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा की इस सरकार ने हर धार्मिक कार्यक्रम को एक राजनीतिक इवेंट बनाने का एक नया कार्यक्रम शुरू किया हुआ है। फिर चाहे वह अयोध्या में मंदिर का शिलान्यास हो, रामलला की मूर्ति की स्थापना हो या प्रयागराज में महाकुंभ हो। इसमें अरबपतियों और उद्योगपतियों को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाता है। भाजपा की सरकार जिस तरह से वीआईपी का तुष्टीकरण और चाटुकारिता कर रही है, उसकी वजह से आम और गरीब श्रद्धालु, जो किसी तरह अपना पेट काटकर, किसी ने दफ्तर से चार दिन की छुट्टी ली है, वहां पहुंचा है, उनके साथ अन्याय हो रहा है। यह बात पिछले 4-5 दिनों से लगातार खबरों में थी कि वहां वीआईपी मूवमेंट के चलते बहुत अव्यवस्था फैली हुई है।
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि मेरी पत्नी की भी प्रयागराज जाने के लिए मंगलवार सुबह की टिकट थी और उन्हें रात 10 बजे वहां पहुंचना था। हमने उत्तर प्रदेश में आप सांसद संजय सिंह और कुछ लोगों से बात करके वहां रहने समेत सभी व्यवस्था करवाई। लेकिन मेरी पत्नी ने कहा कि जिस तरह प्रयागराज से खबरें आ रही हैं, हो सकता है कि वहां कोई घटना हो सकती है। उन्होंने इस डर से अपनी टिकट कैंसल कर दी और सोचा कि कुछ दिनों बाद जाएंगी। मेरी पत्नी एक साधारण महिला हैं। जब उन्हें अपने फोन पर आई हुई खबरों से एहसास हो गया कि वहां पर अव्यवस्था है, इसका मतलब वहां अव्यवस्था की खबरें आमतौर पर सबको पता थीं। ऐसे में इस तरह की घटना होना महापाप है।
उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए सीधे तौर पर भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार का प्रशासन जिम्मेदार है। लोग अपने सिर पर पोटलियां, गोद में बच्चों को लेकर 15-20 किलोमीटर पैदल चलकर वहां पहुंचे थे। वे मुश्किल से डेढ़-दो घंटे सोए होंगे। लेकिन रात को डेढ़ बजे प्रशासन ने उन्हें जगाना शुरू कर दिया कि आप अभी स्नान कर लें। क्या यह कोई मजाक है? उन्हें स्नान करने के लिए धकेला जा रहा था। इस वजह से वहां भगदड़ मची है। प्रशासन की खुद की गलती की वजह से इतने सारे लोग घायल हुए हैं और कई लोगों की मौत हुई है। इसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनका प्रशासन जिम्मेदार हैं। उन्हें इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा देना चाहिए।