Amritpal Singh Parliament Attendance Case पंजाब के खडूर साहिब (Khadoor Sahib) से सांसद और ‘वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De)’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) की संसदीय उपस्थिति को लेकर सुनवाई पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) में हुई। केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि इस मामले में गठित 15 सदस्यीय संसदीय समिति ने अपना विचार-विमर्श पूरा कर लिया है। इस समिति की सिफारिशें 10 मार्च को लोकसभा (Lok Sabha) में प्रस्तुत की जाएंगी, जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
हाईकोर्ट में क्या हुआ?
मुख्य न्यायाधीश शील नागु (Sheel Nagu) और न्यायमूर्ति सुमीत गोयल (Sumeet Goyal) की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन (Satya Pal Jain) और अधिवक्ता धीरेज जैन (Dheeraj Jain) ने अदालत को सूचित किया कि संसदीय समिति ने सोमवार को हुई बैठक में पांच सांसदों के अवकाश आवेदनों पर विचार किया, जिसमें अमृतपाल सिंह का मामला भी शामिल था।
संसदीय समिति की सिफारिशें गोपनीय
अदालत को बताया गया कि संसदीय समितियों की कार्यवाही गोपनीय होती है और जब तक इन्हें संसद में प्रस्तुत नहीं किया जाता, तब तक इन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।
क्या है अमृतपाल सिंह की मांग?
अमृतपाल सिंह, जो इस समय राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल (Dibrugarh Central Jail) में बंद हैं, ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी है। उनका तर्क है कि उनकी अनुपस्थिति न केवल उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के 19 लाख मतदाताओं को भी बिना प्रतिनिधित्व के छोड़ देता है।
सांसद पद पर खतरा?
अमृतपाल सिंह ने दलील दी कि अगर कोई सांसद 60 दिनों से अधिक अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सीट रिक्त घोषित की जा सकती है। इसी कारण, उन्होंने संसद में भाग लेने की अनुमति मांगी है। इसके अलावा, उन्होंने अपनी सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) के तहत अपने क्षेत्र में विकास परियोजनाओं को लेकर अधिकारियों और मंत्रियों से मिलने की भी अनुमति मांगी है।
स्पीकर को भेजी गई थी चिट्ठी
अमृतपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने 30 नवंबर 2023 को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी थी। जवाब में उन्हें सूचित किया गया कि वे पहले ही 46 दिनों की अनुपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। इसके बाद उन्होंने जिला उपायुक्त (DC) और जिला मजिस्ट्रेट (DM) को भी पत्र लिखा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
क्या 10 मार्च को मिलेगा संसद जाने का हक?
अब 10 मार्च को लोकसभा में संसदीय समिति की सिफारिशें पेश की जाएंगी, जिसके बाद यह तय होगा कि अमृतपाल सिंह को संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति मिलेगी या नहीं। यह फैसला उनके राजनीतिक भविष्य के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है।