Shiromani Akali Dal Membership Drive शिरोमणि अकाली दल (SAD) को पुनर्गठित करने और संगठन को मजबूत करने के लिए गठित सदस्यीय भर्ती समिति ने श्री अकाल तख्त साहिब (Akal Takht Sahib) पहुंचकर अरदास की। इस दौरान पांच सक्रिय सदस्य मनप्रीत सिंह अयाली (Manpreet Singh Ayali), इकबाल सिंह झूंदा (Iqbal Singh Jhundha), जत्थेदार गुरप्रताप सिंह वडाला (Jathedar Gurpratap Singh Wadala), संता सिंह उमैदपुरी (Santa Singh Umaidpuri) और बीबी सतवंत कौर (Bibi Satwant Kaur) ने औपचारिक रूप से सदस्यता भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत करने की घोषणा की।
18 मार्च से शुरू होगी सदस्यता भर्ती प्रक्रिया
भर्ती समिति ने जानकारी दी कि श्री अकाल तख्त साहिब से 18 मार्च से शिरोमणि अकाली दल की सदस्यता अभियान की आधिकारिक शुरुआत होगी। यह प्रक्रिया सिर्फ पंजाब तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसे देश की राजधानी नई दिल्ली (New Delhi) सहित अन्य राज्यों में भी बड़े पैमाने पर चलाया जाएगा। समिति आने वाले दिनों में अभियान की विस्तृत रूपरेखा घोषित करेगी, जिससे अधिक से अधिक लोग इस प्रक्रिया में शामिल हो सकें।
अकाली विचारधारा को पुनर्जीवित करने की कोशिश
समिति ने बताया कि यह अभियान अकाली विचारधारा को मजबूत करने और पार्टी के प्रति समर्थन बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। इसके तहत सिख संगत (Sikh Sangat) और पंजाब (Punjab) के लोगों से सहयोग मांगा जाएगा।
पैनल से दो सदस्यों ने दिया इस्तीफा, अब तक मंजूर नहीं
गौरतलब है कि यह समिति शुरू में सात सदस्यों की थी, लेकिन हाल ही में दो सदस्यों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इनमें शामिल हैं एसजीपीसी (SGPC) अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता किरपाल सिंह बडूंगर (Kirpal Singh Badungar)। हालांकि, अब तक उनके इस्तीफे को औपचारिक रूप से मंजूरी नहीं दी गई है।
शिरोमणि अकाली दल ने पैनल को किया था खारिज
यह भी उल्लेखनीय है कि शिरोमणि अकाली दल पहले ही अकाल तख्त (Akal Takht) द्वारा गठित इस पैनल को अस्वीकार कर चुका है। 2 दिसंबर 2023 को अकाल तख्त के आदेश के कारण सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) को पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद, 20 जनवरी 2024 को शिरोमणि अकाली दल ने अपनी अलग सदस्यता मुहिम शुरू की थी, जिससे यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।
क्या शिरोमणि अकाली दल में आएगा नया बदलाव?
अब देखना होगा कि 18 मार्च को सदस्यता अभियान की शुरुआत के बाद अकाली दल की स्थिति कितनी मजबूत होती है और क्या यह पुनर्गठन पार्टी को नई दिशा देने में सफल होगा। आने वाले दिनों में इस मामले पर राजनीति और संगठनात्मक स्तर पर अहम घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं।