Chief Election Commissioner Selection 2024 (मुख्य चुनाव आयुक्त चयन 2024) को लेकर राजनीति गरमा गई है। CEC (मुख्य चुनाव आयुक्त) राजीव कुमार (Rajiv Kumar) के 18 फरवरी को रिटायर होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) और विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अध्यक्षता में नई नियुक्ति के लिए एक अहम बैठक हुई। हालांकि, इस बैठक को लेकर कांग्रेस ने ऐतराज जताया और इसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक टालने की मांग की।
CEC चयन को लेकर राहुल गांधी का ऐतराज
नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति पर कांग्रेस और केंद्र सरकार आमने-सामने हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस बैठक में शामिल हुए, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने सरकार के फैसले पर गंभीर सवाल उठाए।
कांग्रेस नेता अजय माकन (Ajay Maken) ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि 19 फरवरी को इस मामले की सुनवाई होगी और चयन समिति की संरचना पर निर्णय दिया जाएगा। ऐसे में सरकार को यह बैठक टाल देनी चाहिए थी। लेकिन केंद्र सरकार जल्दबाजी में CEC की नियुक्ति करना चाहती है।”
केंद्र सरकार पर चुनाव आयोग को नियंत्रित करने का आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार चुनाव आयोग पर नियंत्रण स्थापित करना चाहती है। पार्टी ने कहा कि CEC चयन पैनल से भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को हटाकर सरकार ने यह दिखा दिया कि वह चुनाव आयोग की निष्पक्षता को प्रभावित करना चाहती है।
राहुल गांधी ने बैठक में सरकार के इस कदम का विरोध किया, लेकिन उनकी आपत्तियों को खारिज कर दिया गया। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई लंबित होने के बावजूद सरकार जल्दबाजी में निर्णय लेना चाहती है।
नए CEC के रूप में ज्ञानेश कुमार का नाम आगे
CEC राजीव कुमार (Rajiv Kumar) के रिटायरमेंट के बाद ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त होंगे। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा।
केंद्र सरकार ने चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। इस समिति को सबसे योग्य और सक्षम उम्मीदवार का चयन करने की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि चुनाव आयोग की निष्पक्षता बनी रहे।
CEC की नियुक्ति प्रक्रिया क्या है?
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्त (EC) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति (President of India) द्वारा की जाती है। यह चयन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बनी चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर होता है।
इस समिति में शामिल होते हैं:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) – अध्यक्ष
- लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi)
- प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्री
कांग्रेस का कहना है कि पहले इस समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भी शामिल होते थे, लेकिन सरकार ने इस प्रावधान को हटा दिया, जिससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
कांग्रेस बनाम सरकार – CEC चयन पर क्यों विवाद?
CEC चयन पर विवाद के पीछे दो बड़े कारण हैं:
- सुप्रीम कोर्ट में लंबित सुनवाई: कांग्रेस का कहना है कि CEC चयन को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 19 फरवरी को फैसला सुनाने वाला है, ऐसे में सरकार को बैठक टालनी चाहिए थी।
- CJI को हटाने का मुद्दा: पहले CEC चयन पैनल में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) शामिल होते थे, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें हटा दिया, जिससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार अपने अनुसार CEC की नियुक्ति करके चुनाव आयोग पर नियंत्रण स्थापित करना चाहती है।
क्या सुप्रीम कोर्ट रोकेगा CEC की नियुक्ति?
अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की सुनवाई पर टिकी हैं। अगर कोर्ट सरकार के फैसले को रद्द कर देता है, तो CEC चयन प्रक्रिया फिर से शुरू करनी होगी।
वहीं, केंद्र सरकार का कहना है कि संविधान के अनुसार यह नियुक्ति पूरी तरह वैध है और किसी भी तरह की देरी से चुनावी प्रक्रियाओं पर असर पड़ सकता है।
क्या होगा अगर राहुल गांधी की आपत्ति मान ली जाती?
अगर CEC चयन की बैठक सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक टाल दी जाती, तो:
- भारत में चुनावी प्रक्रिया में देरी हो सकती थी।
- लोकसभा चुनाव 2024 से पहले CEC का पद खाली रहता।
- चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर असर पड़ सकता था।
BJP का कहना है कि सरकार संवैधानिक प्रक्रिया का पालन कर रही है और CEC चयन में कोई राजनीति नहीं हो रही है।
निष्कर्ष: CEC चयन पर टकराव जारी!
राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी जहां CEC चयन प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार इसे पूरी तरह वैध और संवैधानिक बता रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही यह साफ होगा कि सरकार का फैसला सही है या इसे बदला जाएगा।
आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और CEC चयन पर सरकार के अगले कदम पर सबकी नजर रहेगी।