Chief Election Commissioner – CEC: भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner – CEC) के चयन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक सोमवार, 17 फरवरी को हुई। इस बैठक में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी शामिल थे। वर्तमान मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार (Rajiv Kumar) मंगलवार, 18 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिसके बाद यह पद खाली हो जाएगा।
मौजूदा चुनाव आयोग में राजीव कुमार के अलावा दो आयुक्त हैं—ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) और सुखबीर सिंह संधू (Sukhbir Singh Sandhu)। वरिष्ठता के आधार पर ज्ञानेश कुमार का नाम सबसे आगे है। अगर उन्हें CEC नियुक्त किया जाता है, तो उनके कार्यकाल में बिहार (Bihar) विधानसभा चुनाव 2024 और 2025 में पश्चिम बंगाल (West Bengal), असम (Assam) और तमिलनाडु (Tamil Nadu) के चुनाव होंगे।
हालांकि, अभी आधिकारिक रूप से इस नाम की पुष्टि नहीं हुई है। इस बीच, कांग्रेस (Congress) ने प्रक्रिया को लेकर आपत्ति जताई है और कहा है कि “जल्दबाजी में” नए CEC का चुनाव किया जा रहा है।
कौन हैं ज्ञानेश कुमार?
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के IAS अधिकारी रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) में अतिरिक्त सचिव के रूप में काम किया है। 61 वर्षीय कुमार को नीति-निर्माण में कुशल माना जाता है और वह कई ऐतिहासिक फैसलों से जुड़े रहे हैं।
अनुच्छेद 370, तीन तलाक और राम मंदिर से नाता
- अनुच्छेद 370 हटाने में भूमिका: अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का बिल तैयार करने में वह शामिल थे। उस वक्त वह गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (कश्मीर डिवीजन) थे।
- तीन तलाक बिल: उन्होंने तीन तलाक (Triple Talaq) को खत्म करने से जुड़े मसौदा कानून को तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी।
- राम मंदिर केस: गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव रहते हुए अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) से जुड़े सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के केस में दस्तावेजों को संभालने की जिम्मेदारी भी उन्होंने निभाई थी।
राजनीतिक कनेक्शन और अमित शाह से करीबी
सूत्रों के मुताबिक, ज्ञानेश कुमार गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने जनवरी 2023 में सहकारिता मंत्रालय (Ministry of Cooperation) के सचिव के रूप में सेवा दी थी। इस मंत्रालय की जिम्मेदारी भी अमित शाह के पास है।
इससे पहले वह संसदीय कार्य मंत्रालय (Ministry of Parliamentary Affairs) में भी सचिव रह चुके हैं और यूपीए (UPA) सरकार के कार्यकाल में रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) में भी काम कर चुके हैं।
शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमि
ज्ञानेश कुमार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) के विजय कॉलोनी के रहने वाले हैं। उनका परिवार डॉक्टरों की पीढ़ी से ताल्लुक रखता है, लेकिन उन्होंने सिविल सेवा का रास्ता चुना।
- उन्होंने IIT कानपुर (IIT Kanpur) से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया है।
- इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ इंडिया (ICFAI) से बिजनेस फाइनेंस में भी पढ़ाई की है।
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) से पर्यावरण अर्थशास्त्र का अध्ययन किया है।
- उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा UP Board से पास की थी।
क्या राहुल गांधी और कांग्रेस को आपत्ति है?
राहुल गांधी की अध्यक्षता वाली कांग्रेस पार्टी ने नए CEC की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह फैसला “जल्दबाजी” में लिया जा रहा है, जिससे निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो सकते हैं। हालांकि, सरकार का कहना है कि संविधान के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।
अब देखना होगा कि राष्ट्रपति (President of India) किसके नाम को अंतिम मुहर लगाती हैं और क्या विपक्ष इस प्रक्रिया को लेकर कोई कानूनी कदम उठाता है।