The News Air- (नई दिल्ली) केंद्रीय बजट 2022 में पंजाब को कुछ ख़ास नहीं मिला। पंजाब में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में बड़ी उम्मीद थी कि राजनीतिक फ़ायदे के लिए ही सही, केंद्र बड़ी घोषणाएं कर सकता है। इसके बावज़ूद सबको निराशा ही मिली। पाकिस्तान की सीमा से सटा राज्य होने की वजह से पंजाब के लिहाज़ से ज़्यादा अपेक्षाएं रखी गई थी। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि चुनाव आचार संहिता के बाद किसी लोक लुभावन घोषणा से विरोधियों के निशाने पर आने से बचने को केंद्र ने चुप्पी साध ली।
उम्मीदें जो पूरी नहीं हुईं
इंडस्ट्री: पंजाब में होजरी, साइकिल, स्पोर्ट्स समेत कई तरह की इंडस्ट्री हैं। राज्य सरकार लगातार मांग करती रही है कि पंजाब को भी हिमाचल प्रदेश की तरह विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए, जिससे टैक्स से राहत मिल सके। ख़ासकर, इंटरनेशनल बॉर्डर से सटा होने की वजह से पंजाब सीमा और अंदरूनी स्तर पर कई चुनौतियों से जूझता रहा है। इसके बावज़ूद ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई।
कृषि और किसान: सुधार क़ानूनों को लेकर पंजाब के किसानों के टारगेट पर आई केंद्र सरकार के कुछ सकारात्मक क़दम की उम्मीद थी। जिसमें ज़्यादा फ़सलों को MSP के दायरे में लाने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। अन्नदाताओं की नज़र भी केंद्र पर थी कि शायद बजट में कोई बड़ी घोषणा हो लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
किसानों की क़र्ज़ माफ़ी : पंजाब सरकार लगातार मांग कर रही थी कि केंद्र सरकार संपूर्ण क़र्ज़ माफ़ी की योजना लाए। जिसमें राज्य सरकारें भी अपना हिस्सा देंगी लेकिन बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई।
ढांचागत विकास: पंजाब में ढांचागत विकास के लिए भी कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई। जनवरी महीने में पीएम नरेंद्र मोदी ने पंजाब के लिए कुछ बड़े प्रोजेक्ट शुरू करने थे। जिनमें दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे, अमृतसर-ऊना फोर लेन, मुकेरियां-तलवाड़ा रेल लाइन, पीजीआई सेटेलाइट सेंटर और कपूरथला-होशियारपुर में 42,750 करोड़ के प्रोजेक्ट शामिल थे। हालांकि पीएम की सुरक्षा चूक के बाद रैली रद्द होने से वह प्रोजेक्ट भी ठप हो गए।