Waqf Amendment Bill 2024 : वक्फ (संशोधन) विधेयक (Waqf Bill) पर विचार कर रही संसद की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने संशोधित विधेयक को बहुमत से स्वीकार कर लिया है। हालांकि, विपक्षी सांसदों को असहमति दर्ज कराने के लिए शाम 4 बजे तक का समय दिया गया है। विपक्ष ने इस प्रक्रिया को “अलोकतांत्रिक” बताया और कहा कि उन्हें रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए बहुत कम समय दिया गया।
विपक्ष की कड़ी आपत्ति
शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि सभी विपक्षी सदस्य अपनी असहमति दर्ज कराएंगे। JPC के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal) ने कहा कि समिति की अंतिम बैठक में संशोधित विधेयक को बहुमत से पास किया गया।
14 वोटों से पारित हुआ विधेयक
JPC ने 11 के मुकाबले 14 वोट से संशोधन विधेयक को मंजूरी दी। इससे पहले, NDA सदस्यों ने प्रस्तावित 14 संशोधनों को मंजूरी दी थी, जबकि विपक्ष ने 44 संशोधनों का प्रस्ताव रखा था, जिसे खारिज कर दिया गया। विपक्ष ने JPC अध्यक्ष पर सत्ताधारी दल के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया है।
क्या है वक्फ संशोधन विधेयक?
विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों (Waqf Properties) के प्रबंधन से जुड़े मुद्दों को हल करना और वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है। सरकार का दावा है कि यह विधेयक वक्फ बोर्डों की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाएगा।
विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
विपक्षी सांसदों ने जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर “निरंकुश” व्यवहार का आरोप लगाया और कहा कि एनडीए सदस्यों के संशोधनों को जल्दबाजी में मंजूरी दी गई। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली (Delhi) में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए इस विधेयक को जल्दबाजी में पास कराया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस विधेयक को “न्यायसंगत और संतुलित” बताया और कहा कि यह देश के अल्पसंख्यक समुदायों के हितों की रक्षा करेगा। वहीं, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि सरकार वक्फ संपत्तियों के सही उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आगे की प्रक्रिया
संशोधित विधेयक को अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) को सौंपा जाएगा, जिसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा। अगर यह लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो जाता है, तो इसे कानून का रूप दिया जाएगा।