The News Air: चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने बताया कि देश के 6 मुख्यमंत्री बिहार में उनके कैपेनिंग का ख़र्च उठाएंगे। उन्होंने कहा, ‘मैंने उनको मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपना कंधा लगाया था। उनसे पैसे भी नहीं लिए थे। अब वो ही लोग बिहार में मेरे कार्यक्रमों के लिए मदद करेंगे।’
प्रशांत किशोर ज़न सुराज यात्रा निकाल रहे हैं। शुक्रवार को हाजीपुर में उन्होंने ये बताया कि उनके कार्यक्रमों के लिए फंडिंग कहां से होगी। उन्होंने कहा कि मेरे स्पॉन्सर के तौर पर देश के 6 मुख्यमंत्री हैं, जो मेरा ख़र्च उठाएंगे।
‘किसी पार्टी की ‘बी’ टीम नहीं बनेंगे’
PK पूरे जोश के साथ अपनी ‘ज़न सुराज’ यात्रा निकाल रहे हैं। साथ ही लोगों से यह भी कह रहे हैं कि वह कभी भी किसी भी पार्टी की ‘बी’ टीम बन कर काम नहीं करेंगे। अपने भाषण में उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि किसी भी पार्टी में इतना पैसा और दम नहीं है कि उन्हें ‘बी टीम’ बना ले।
PK कहते हैं कि देश में कई ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिनके लिए उन्होंने अपना कंधा लगाया है। कभी उनसे फ़ीस नहीं ली है। इसलिए जब हम यहां काम करने आए हैं, तो वह सभी मदद के लिए खड़े हैं। लोग कह रहे हैं कि पैसा कहां से आएगा, तो हमने कह दिया है कि हम बिहार में नया प्रयोग कर रहे हैं। आप मदद कीजिए। सभी मदद करेंगे।
PK अपनी रणनीति के बारे में बताते हैं कि लोग कहते हैं हम बहुत अच्छा स्लोगन लिखते हैं। अगर स्लोगन लिखने से चुनाव जीते जाते तो हम से बढ़िया स्लोगन लिखने वाले बहुत लोग हैं। लोग अभी तक सोच रहे हैं कि हम करते क्या हैं। अभी तक मेरा तोड़ नहीं निकाल पाए हैं।
उन्होंने कहा कि किसी की नज़र में हम स्लोगन लिखते हैं। किसी की नज़र में कैंपेनिंग करते हैं। किसी की नज़र में बताते हैं कि नेता को क्या कपड़ा पहनना है। हम कुछ नहीं करते हैं, हम लोगों की बात सुनते हैं और उस बात को सुनकर सार निकालते हैं और उसी से अपना कंटेंट बनाते हैं। इसलिए हम चुनाव कभी हारे नहीं हैं।
नीतीश कुमार समेत 6 मुख्यमंत्रियों के क़रीबी हैं PK
प्रशांत किशोर अब तक 11 चुनाव से जुड़े रहे हैं। बिहार में कैंपेनिंग करके नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया है। उसके बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर को जिताया और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता में वापस लाने में मदद की थी।
अब देखना है कि बिहार में प्रशांत किशोर कैंपेन चला रहे है, उसमें कितने CM उनके साथ हैं। हालांकि, उन्होंने अभी तक इस बात को साफ़ नही किया कि किन-किन राज्यों के CM उनकी मदद करेंगे।
ज़न सुराज पदयात्रा: 15 हज़ार इन्फ्लूएंसर्स से मिलेंगे
महात्मा गांधी की कर्म भूमि पश्चिमी चंपारण के प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को ज़न सुराज पदयात्रा निकालेंगे। इस पदयात्रा में PK लोगों से मिल कर उनकी बातों को सुनेंगे और भविष्य में चुनाव के समय मैनिफेस्टो में शामिल करेंगे। सूत्रों के अनुसार प्रशांत ज़न सुराज पदयात्रा से पहले जिलास्तर पर क़रीब 15 हज़ार इन्फ्लूएंसर्स से मुलाक़ात करेंगे। इनमें व्यापारी, शिक्षाविद, समाजसेवी और जातीय संगठन से जुड़े लोग शामिल होंगे।
यूथ इंपॉर्टेंस प्रोग्राम: छात्रों पर विशेष फोक्स
बिहार में रोज़गार, एजुकेशन और समय से सरकारी एग्ज़ाम ना होने को लेकर त्रस्त युवाओं को साधने के लिए प्रशांत ने इस अभियान की शुरुआत की है। इसमें PK बिहार के यूनिवर्सिटी और कॉलेज में जाकर छात्रों से मिलेंगे।
40 साल से कम उम्र के क़रीब 3.6 करोड़ से ज़्यादा वोटर्स
इलेक्शन कमीशन के 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक़ बिहार में 40 साल से कम उम्र के क़रीब 4 करोड़ 29 लाख वोटर्स हैं। इनमें 18 से 19 वर्ष वाले 71 लाख वोटर्स, 20 से 29 वर्ष वाले करोड़ 60 लाख वोटर्स और 30 से 39 वर्ष वाले 1 करोड़ 98 लाख वोटर्स हैं। प्रशांत नीतीश और लालू पर एक साथ हमला बोलकर इन वोटरों को साधने की कोशिश में जुटे हैं।