The News Air: कानपुर हिंसा में दर्ज़ 2 FIR में मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी को मुख्य आरोपी बनाया गया है। पुलिस जांच में कानपुर हिंसा के तार चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया, यानी PFI से जोड़े जा रहे हैं। जांच में ये बात सामने आई है कि हयात की एक कॉल पर हज़ारों लोग इकट्ठा हुए और उसके बाद हिंसा भड़क गई।
CAA और NRC बवाल में भी सामने आया था नाम
चमन गंज में सरकारी राशन की दुकान चलाने वाला हयात इंटरनेट पर काफ़ी सक्रिय रहता था। उस पर विवादित बयानबाज़ी के आरोप लगते रहे हैं। पिछले साल 21 अक्टूबर को हयात ने जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला था। इस पर उसके ख़िलाफ़ केस भी दर्ज़ हुआ था। कानपुर में हुए CAA और NRC बवाल में भी हयात का नाम सामने आया था।
26 मई को एक न्यूज़ चैनल पर भाजपा नेता नूपुर शर्मा के पैगंबर साहब पर दिए बयान के बाद हयात के कहने पर 3 जून को परेड बाज़ार बंदी का ऐलान किया और 5 जून को जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया था। इसके लिए पूरे इलाक़े में पोस्टर लगवाए गए।
पहले देखिए, कानपुर हिंसा में हुई 3 FIR में किसका-किसका नाम है…
FIR नंबर-1 : थाना प्रभारी नवाब अहमद की तहरीर पर केस
हयात जफर हाशमी, एहितशाम कबाड़ी, जीशान, आकिब, निज़ाम क़ुरैशी, आदिल, इमरान कालिया, शहरयान, जौहर फैंस एसोसिएशन का युसुफ मंसूरी जांहर और आमिर जावेद, मुदस्सिर, मोहम्मद आज़ाद, जीशान एवेंजर, अब्दुल सकील, इरफान चड्डी, शेरा, सफी, अरफित आसिफ़ रैना का भाई, इसराईल, अकील खिचड़ी, अदनान, परवेज उर्फ चिक्कन, शादाब शोएब का भाई, इसरत अली, मो. राशिद, अलीशान, नासिर, आशिक़ अली, मो. आकिब, मो. साजिद, अनस, शाहिद, बिलाल, हाजी मो. नसिर, हबीब, रहमान समेत सैकड़ों अज्ञात के ख़िलाफ़ FIR दर्ज़ हुई।
FIR नंबर- 2 : दरोगा मो. आसिफ़ रज़ा की तहरीर पर केस
मुख्य आरोपी मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी, आदिल, इमरान कालिया, सहरयान, जौहर फैंस एसोसिएशन का युसुफ अंसारी और आमिर जावेद, अब्दुल शकील, अर्फित आसिफ़ रैना का भाई, इसराइल, नासिर, आशिक़ अली, मो. आकिब, मो. साजिद, अनस, साहिद, बिलाल, हाजी मो. नासिर, हबीब, रहमान समेत सैकड़ों अज्ञात के ख़िलाफ़ FIR दर्ज़ हुई।
FIR नंबर-3 : चंद्रेश्वर हाते में रहने वालों ने अज्ञात पर दर्ज़ कराया केस
चंद्रेश्वर हाते में रहने वाले घायल मुकेश की तहरीर पर बेकनगंज थाने की पुलिस ने भीड़ के ख़िलाफ़ मारपीट, बलवा, धार्मिक उन्माद फैलाने, हत्या का प्रयास समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज़ किया है। इसमें किसी को भी नामज़द नहीं किया गया है।
हयात ने बाज़ार बंदी का ऐलान न किया होता तो बवाल न होता
3 जून को सुबह से ही बेकनगंज में असहज करने वाला सन्नाटा था। हयात हाशमी के बाज़ार बंदी के ऐलान के बाद इलाक़े में ज़्यादातर दुकानें बंद रखी गई थीं, लेकिन यतीमखाना के पास के बाज़ार में दूसरे समुदाय के दुकानदारों ने दुकान खोली थीं। दोपहर 2.30 बजे के क़रीब नमाज़ के बाद लोग बाहर निकले और सीधे बाज़ार में खुली हुई दुकानों को ज़बरदस्ती बंद कराने लगे।
दुकानदारों ने दुकाने बंद करने से मना किया, तो लोगों के बीच शामिल कुछ अराजक तत्वों ने सबसे पहले बेकनगंज के चंद्रेश्वर हाते में घुसकर पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद पूरे इलाक़े का माहौल बिगड़ गया। भीड़ में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने तमंचे से फायर किए। बवाल शुरू होने के बाद स्थितियां तेज़ी से बेक़ाबू हो गईं।
मां-बहन को आत्मदाह के लिए उकसाने का भी आरोप
हाशमी पर आरोप है कि उसने एक ज़मीनी विवाद में अपनी बहन और मां को उकसाया था, जिसके बाद दोनों ने कानपुर DM ऑफ़िस के बाहर आग लगाकर आत्मदाह कर लिया था। हालांकि, पुलिस इस मामले में जानकारी देने से इनकार कर दी है।
मास्टरमाइंड के अरेस्ट होने की ख़बर, पुष्टि नहीं
कानपुर के बेकनगंज में हुई हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर के गिरफ़्तार होने की ख़बर है। हालांकि, अभी इस मामले में कोई पुलिस अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। इससे पहले 36 आरोपियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है। इसकी जांच के लिए लखनऊ से एनकाउंटर स्पेशलिस्ट IPS अजय पाल शर्मा को भेजा गया है।
इससे पहले 3 जून की रात अजय पाल कानपुर पहुंचकर अफ़सरों के साथ बैठक की। इलाक़े का दौरा करके पूरे मामले को समझा। उनकी मॉनिटरिंग में ही आरोपियों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।