The News Air- (नई दिल्ली) पंजाब कांग्रेस में 2 विधायकों के भाजपा जॉइन करने के बाद हड़कंप मच गया है। विधायक फतेहजंग बाजवा और बलविंदर लाडी के जाने पर कांग्रेस ने कहा कि उन्हें टिकट नहीं मिल रही थी। यह सुनकर टिकट दावेदारों से लेकर विधायकों और मंत्रियों में भी खलबली मची हुई है। कांग्रेस के और विकेट न गिरें, इसे देखते हुए कांग्रेस हाईकमान ने दिल्ली में मीटिंग बुला ली है।
स्क्रीनिंग को लेकर इस मीटिंग में पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू, CM चरणजीत चन्नी के अलावा पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी भी दिल्ली जाएंगे। जिसके बाद कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जल्द जारी की जा सकती है। मौजूदा विधायकों के छोड़कर जाने से कांग्रेस की छवि पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
अब तक 3 विधायक छोड़ चुके कांग्रेस
पंजाब में अभी तक 3 मौजूदा विधायक कांग्रेस छोड़ चुके हैं। सबसे पहले फिरोजपुर के गुरुहरसहाय से राणा गुरमीत सोढ़ी ने कांग्रेस छोड़ी। वह कैप्टन सरकार में खेल मंत्री थे। इसके बाद कादियां से विधायक फतेहजंग बाजवा और श्री हरगोबिंदपुर से बलविंदर लाडी ने पार्टी छोड़ दी। यह तीनों भाजपा में शामिल हो गए हैं। तीनों के जाने के बाद कांग्रेस यही कह रही कि उन्हें टिकट नहीं मिलनी थी। इससे बाक़ी विधायक भी सोचने लगे हैं कि कांग्रेस कहीं उनका पत्ता भी न काट दे और तब तक दूसरी पार्टी उम्मीदवार न घोषित कर दे, इसलिए सब दूसरी पार्टियों का रूख कर रहे हैं।
कैप्टन-भाजपा गठजोड़ ही विकल्प
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह इस बार भाजपा से गठबंधन करके चुनाव लड़ रहे हैं। अकाली दल ने बसपा से गठबंधन किया है। अकाली दल लगभग सभी उम्मीदवार घोषित कर चुका है। वहीं आप भी 88 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। ऐसे में अगर किसी कांग्रेसी विधायक या मंत्री की टिकट कटी तो फिर आज़ाद खड़ा होना पड़ेगा, जिसमें हार का रिस्क ज़्यादा है। अभी कैप्टन-भाजपा गठजोड़ ने ही उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं, इसलिए नेता भाजपा की शरण में जा रहे हैं। इससे जीत गए तो बेहतर है, लेकिन अगर किसी वजह से हारे भी तो राष्ट्रीय पार्टी से जुड़कर राजनीति में बने रहेंगे।
कांग्रेस में किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा
पंजाब कांग्रेस में किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा। पार्टी प्रधान नवजोत सिद्धू अलग चल रहे हैं। स्क्रीनिंग कमेटी से पहले उम्मीदवार घोषित कर जीत दिलाने को कह रहे हैं। CM चरणजीत चन्नी भी चुनाव रैलियां कर रहे हैं। इस सबके बीच कांग्रेस की राजनीति में दमखम रखने वाले माझा के मंत्री सुखजिंदर रंधावा, तृप्त राजिंदर बाजवा और सुख सरकारिया का भी अलग गुट बना हुआ है। इन तीनों के साथ चंडीगढ़ में डटे पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी भी सीधे तौर पर विधायकों और नेताओं से जुड़ चुके हैं। ऐसे में कांग्रेसी असमंजस में हैं कि किसके साथ जाएं, क्योंकि एक के साथ जाने पर बाक़ी तीन की नाराज़गी झेलने का ख़तरा है। ऐसे में इस असमंजस से राजनीतिक भविष्य का नुक्सान न हो, इसलिए वह भी दूसरे दलों में गोटियां फिट करने में लगे हुए हैं।