The News Air – (चंडीगढ़) लोक इंसाफ़ पार्टी के अध्यक्ष और लुधियाना आत्म नगर से उम्मीदवार सिमरजीत सिंह बैंस को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उनकी गिरफ़्तारी पर सात दिन के लिए रोक लगा दी है। यही नहीं पंजाब सरकार से इस मामले में जवाब भी मांगा है।
सिमरजीत सिंह बैंस ने महिला के दुष्कर्म के आरोपों के मामले में गिरफ़्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा रखी है। पहले अदालत ने उन्हें तीन दिन के लिए राहत दी थी। विधायक बैंस इस बार भी आत्म नगर से चुनाव लड़ रहे हैं।गिरफ़्तारी के आदेशों के कारण उन्होंने अपना नामांकन पत्र भी ऑनलाइन ही भरा था और ओथ भी अस्पताल में डाक्टर के ज़रिए दी है। पीड़िता ने विधायक सिमरजीत सिंह बैंस की गिरफ़्तारी के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है और इसी से बचने के लिए विधायक ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है।
नवंबर 2020 में हुई थी शिकायत
मामले में पीड़िता ने सबसे पहले 16 नवंबर 2020 को विधायक सिमरजीत सिंह बैंस, कमलजीत सिंह, बलजिंदर कौर, जसबीर कौर उर्फ भाभी, सुखचैन सिंह, परमजीत सिंह उर्फ पम्मा और गोगी शर्मा के ख़िलाफ़ पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी थी। उसने आरोप लगाया कि घर के पैसे के लेन-देन को सुलझाने के एवज़ में विधायक बैंस ने उसका शारीरिक शोषण किया। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की और जांच के नाम पर मामला लटकाया। पीड़ित महिला ने इसके बाद स्थानीय अदालत की शरण ली।
7 जुलाई 2021 को दर्ज़ हुआ था केस
एडिशनल चीफ़ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हरसिमरन जीत सिंह की अदालत ने 7 जुलाई 2021 को थाना डिविजन नंबर 6 पुलिस को FIR दर्ज़ करने के आदेश दिए थे। विधायक बैंस ने आदेशों को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी। अदालत ने याचिका रद्द कर दी थी और उनके ख़िलाफ़ FIR दर्ज़ हुई थी।
पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी है महिला
विधायक सिमरजीत सिंह बैंस पर आरोप लगाने वाली महिला पिछले 8 माह से पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी है। पहले वह विधायक के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज़ करने और अब गिरफ़्तारी की मांग कर रही है। उसने सालभर पहले शिकायत की, पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की तो उसने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया।
जानें कौन हैं विधायक बैंस
कभी सिमरनजीत सिंह मान के साथ राजनीतिक करियर शुरू करने वाले सिमरजीत सिंह बैंस, सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में अकाली दल जॉइन कर गए थे। उन पर कई आरोप लगे, इनमें तहसीलदार को कार्यालय में घुसकर पीटने का मामला भी दर्ज़ है। अकाली दल के चुनाव टिकट नहीं दिए जाने से नाराज़ होकर बैंस ने पार्टी छोड़ दी। बाद में सिरमजीत सिंह बैंस और उनके भाई बलविंदर सिंह बैंस आज़ाद चुनाव लडे और जीते भी। अब उन्होंने लोक इंसाफ़ पार्टी बनाई है और वह पार्टी से चुनाव लड़ते हैं। पिछला चुनाव आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था और इस बार अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं।