AAP Punjab Elections 2024 की चर्चा तेज हो गई है, खासकर Delhi MCD Elections में आम आदमी पार्टी की हार के बाद। दिल्ली में पार्टी को बड़ा झटका लगा, जहां अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) समेत कई बड़े नेता अपनी सीटें नहीं बचा सके। इस हार के बाद अब पंजाब में भी पार्टी के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक और राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने एक इंटरव्यू में आशंका जताई कि अगर AAP पंजाब (AAP Punjab) में हार जाती है, तो पार्टी का अस्तित्व संकट में आ सकता है।
AAP के भविष्य पर योगेंद्र यादव की शंका
स्वराज इंडिया पार्टी (Swaraj India Party) के सह-संस्थापक योगेंद्र यादव ने पत्रकार दीपक शर्मा (Deepak Sharma) को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर किसी पार्टी को 40% से ज्यादा वोट मिलते हैं और उसके 22 विधायक हैं, तो उसे पूरी तरह खत्म नहीं माना जा सकता। लेकिन आम आदमी पार्टी जिस तरह केवल चुनावों और अरविंद केजरीवाल पर निर्भर है, उसे देखते हुए इसका भविष्य खतरे में दिखता है। खासकर जिस तरह बीजेपी (BJP) रणनीति बना रही है, उससे AAP की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।”
क्या पंजाब में भी हार सकती है AAP?
योगेंद्र यादव ने आगे कहा, “गुजरात (Gujarat) में AAP का कोई मजबूत आधार नहीं बना, हरियाणा (Haryana) में भी कोई खास पकड़ नहीं है। अब केवल पंजाब (Punjab) बचा है। अगर पंजाब में भी AAP हार जाती है, तो फिर पार्टी कहां बचेगी और कैसे बचेगी, यह बड़ा सवाल होगा। मैं भविष्यवाणी नहीं कर रहा, लेकिन हार की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।”
AAP ने पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Elections 2022) में शानदार जीत दर्ज की थी और भगवंत मान (Bhagwant Mann) को मुख्यमंत्री बनाया था। लेकिन हाल ही में AAP के खिलाफ बढ़ते असंतोष और विपक्षी दलों के हमलों से पार्टी को मुश्किलें हो सकती हैं।
Delhi में हार के बाद AAP पर क्या असर पड़ेगा?
दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Elections) में हार के बाद AAP पर कई सवाल उठ रहे हैं:
- केजरीवाल पर बढ़ती निर्भरता: पार्टी के भीतर मजबूत नेतृत्व की कमी दिख रही है।
- BJP की आक्रामक रणनीति: केंद्र सरकार और BJP की लगातार जांच और हमले AAP को कमजोर कर सकते हैं।
- वोटबैंक में गिरावट: आम जनता में असंतोष बढ़ रहा है, जिससे वोट शेयर में गिरावट हो सकती है।
- विपक्ष का मजबूत होना: कांग्रेस (Congress) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) भी AAP को पंजाब में घेरने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या पंजाब में भी टूट सकती है AAP?
विश्लेषकों का मानना है कि अगर AAP पंजाब में अपनी पकड़ कमजोर करती है, तो पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है।
- विधान सभा चुनाव 2024 से पहले अगर AAP कमजोर होती है, तो बीजेपी और कांग्रेस इसका फायदा उठा सकते हैं।
- पंजाब में भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Government) को कई मुद्दों पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे पार्टी की लोकप्रियता कम हो रही है।
- दिल्ली के घोटाले (Delhi Liquor Scam, Corruption Charges) और अरविंद केजरीवाल की गिरती साख भी AAP के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।
क्या AAP बचा पाएगी अपना आखिरी गढ़?
AAP के लिए अब पंजाब सबसे अहम राज्य बन चुका है।
- पार्टी को BJP, Congress और Akali Dal से कड़ी चुनौती मिल रही है।
- अगर AAP यहां भी हारती है, तो उसका राष्ट्रीय राजनीति में कद बहुत छोटा हो सकता है।
- अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान और AAP नेताओं को मजबूत रणनीति बनानी होगी ताकि पार्टी बच सके।
योगेंद्र यादव की चेतावनी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। अगर AAP पंजाब में हारती है, तो पार्टी का भविष्य अनिश्चित हो सकता है। दिल्ली की हार के बाद अब पंजाब ही AAP का आखिरी बड़ा किला है। आने वाले महीनों में AAP की रणनीति और जनता की प्रतिक्रिया तय करेगी कि पार्टी कितना टिकेगी।