Delhi Power Cut Issue – दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी (Atishi) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राजधानी में बिजली संकट (Power Crisis) शुरू हो गया है। उन्होंने दावा किया कि AAP सरकार (AAP Government) के हटते ही तीन दिन के भीतर दिल्ली में पावर कट की समस्या बढ़ गई है और कई इलाकों में लोग इनवर्टर (Inverter) खरीदने पर मजबूर हो गए हैं।
क्या है आतिशी का दावा?
आतिशी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि BJP की जीत के साथ ही दिल्ली (Delhi) में बिजली कटौती शुरू हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि अलग-अलग इलाकों से सैकड़ों लोगों ने पावर कट की शिकायतें की हैं और आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, “दिल्ली के लोग अब समझ रहे हैं कि उन्होंने चुनाव में क्या गलती की। तीन दिन में ही पावर सेक्टर ध्वस्त हो गया, क्योंकि AAP सरकार हर घंटे बिजली आपूर्ति की निगरानी कर रही थी। अब हालात खराब होते जा रहे हैं।”
कौन-कौन से इलाकों में बिजली संकट?
आतिशी ने दावा किया कि राजधानी के कई इलाकों से पावर कट की शिकायतें आई हैं। उन्होंने मयूर विहार (Mayur Vihar), लक्ष्मीनगर (Laxmi Nagar), उत्तम नगर (Uttam Nagar) और द्वारका (Dwarka) जैसे क्षेत्रों में बिजली कटौती की घटनाओं का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, “कल रात मयूर विहार (Mayur Vihar) में घंटों बिजली गुल रही। सुबह लोगों के फोन आने लगे कि वे इनवर्टर (Inverter) खरीदने को मजबूर हो गए हैं। अगर फरवरी में यह हाल है तो मई-जून में क्या होगा, जब बिजली की मांग 8500 मेगावॉट तक पहुंच जाएगी?”
क्या भाजपा सरकार बिजली संकट रोकने में विफल?
आतिशी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि BJP को सरकार चलानी नहीं आती। उन्होंने दावा किया कि 1993-1998 में भी भाजपा शासन में दिल्ली का पावर सेक्टर बदहाल था और अब फिर वही हालात बन रहे हैं।
उन्होंने कहा, “आज 20 राज्यों में भाजपा की सरकार है और वहां भी बिजली संकट बना हुआ है। दिल्ली में भी अब वैसा ही माहौल बनता दिख रहा है। यह भाजपा की नाकामी को दर्शाता है।”
दिल्ली की तुलना यूपी से क्यों की?
आतिशी ने भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए दिल्ली की तुलना उत्तर प्रदेश (UP) से की। उन्होंने कहा कि दिल्ली अब यूपी बनने की राह पर है, जहां बिजली संकट आम बात है।
“जिस तरह यूपी (UP) में बिजली आती-जाती थी, अब दिल्ली का भी वही हाल हो रहा है। पढ़े-लिखे नेतृत्व और फर्जी डिग्रीधारी नेताओं में यही अंतर है। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) इंजीनियर हैं और उन्हें बिजली सेक्टर समझ आता है, जबकि भाजपा सरकार इसे संभाल नहीं सकती।”
8 फरवरी से ही भाजपा सरकार चला रही है?
जब पत्रकारों ने पूछा कि भाजपा की सरकार अभी बनी नहीं है, फिर भी बिजली संकट के लिए उन्हें जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है, तो आतिशी ने जवाब दिया कि BJP 8 फरवरी से ही दिल्ली सरकार चला रही है।
उन्होंने कहा, “8 फरवरी को ही काउंटिंग के दौरान भाजपा ने आदेश जारी कर दिया था कि AAP के मंत्रियों को सचिवालय में घुसने न दिया जाए। तब से ही भाजपा सरकार चला रही है और इसका नतीजा अब दिल्लीवालों को बिजली संकट के रूप में देखने को मिल रहा है।”
क्या दिल्ली में बिजली संकट और बढ़ेगा?
आतिशी के बयान के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या दिल्ली में बिजली संकट और गहराएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि गर्मी के महीनों में स्थिति और खराब हो सकती है।
- बिजली की मांग गर्मियों में 8500 मेगावॉट से ज्यादा हो सकती है।
- अगर अभी से पावर कट शुरू हो गए हैं, तो आने वाले महीनों में बड़ी समस्या हो सकती है।
- दिल्ली को बिजली संकट से बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
दिल्ली में बिजली कटौती (Power Cut) को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच सियासी घमासान शुरू हो गया है।
- AAP का दावा – BJP के आते ही दिल्ली में बिजली संकट शुरू।
- आम जनता को इनवर्टर खरीदने पर मजबूर होना पड़ा।
- गर्मी के महीनों में हालात और खराब हो सकते हैं।
- BJP ने 8 फरवरी से ही दिल्ली सरकार चलाना शुरू कर दिया था।
अब देखना होगा कि भाजपा इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या वाकई दिल्ली में बिजली संकट गहराता है या नहीं।