चंडीगढ़ (The News Air) ड्रोन की हाईटेक टेक्नोलॉजी से पाकिस्तान और पंजाब के नशा तस्करों ने बीएसएफ और पुलिस को चिंता में डाल दिया है। बड़े ड्रोन ज्यादा मार गिराए जाने लगे तो छोटे ड्रोन से तस्करी बढ़ा दी गई। छोटी और अर्जेंट सप्लाई में तस्करों के पकड़े जाने का जोखिम भी नहीं। हैरान करने वाली बात है कि पुलिस इंटरोगेशन में यह भी सामने आया है कि जेलों में बंद तस्कर पाकिस्तान के संपर्क में हैं।
वे हेरोइन का न सिर्फ सौदा कर रहे बल्कि यह भी तय कर रहे कि किस जगह और कब नशा गिराना है। इस साल ड्रोन से आई 71.82 हेरोइन पकड़ी गई। इसमें सबसे छोटी खेप 1.8 किलो तो सबसे बड़ी 29.5 किलो की थी। 2023 में जून तक 34 ड्रोन पकड़े गए। बीएसएफ व पुलिस ने 5 साल में 134 ड्रोन पकड़े। रोज औसतन 2 से 11 ड्रोन की एक्टिविटी रिकॉर्ड की जा रही है।
3 माह में यह भी देखा गया है कि छोटे ड्रोन की एक्टिविटी बढ़ गई है। तस्कर एक बार में 25 किलो की सप्लाई लगातार पकड़े जाने के बाद 2 से 5 किलो की ड्रग सप्लाई का ट्रेंड लाए हैं। चाइना मेड छोटे ड्रोन की लाइट ऑफ कर देते हैं, यह आवाज नहीं करते और रेंज 4 किमी तक है। पाक व पंजाब के तस्कर मिनी ड्रोन से सप्लाई का समय भी 12 से 16 मिनट रखते हैं, जो पिज्जा डिलीवरी में लगने वाले वक्त से आधा है। देरी पर फ्री कन्साइनमेंट देते हैं।
रोज 2 से 11 ड्रोन की एक्टिविटी, बॉर्डर के 27 पॉइंट तस्करी का गेटवे
मैसेज-कॉलिंग से डील सोशल मीडिया पर : पूछताछ में सामने आया है कि नशा तस्कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम, सिग्नल, वॉट्सएप, मैसेेंजर आदि पर कॉलिंग या मैसेज के जरिये बात करते हैं और सप्लाई के लिए जगह निश्चित कर लेते हैं। तस्करों का मानना है कि मिनी ड्रोन में रिस्क और नुकसान दोनों कम है। मिनी ड्रोन की स्पीड अच्छी है। औसतन 15 मिनट में ड्रोन तय जगह पर नशा छोड़कर लौट जाते हैं। तस्कर के पकड़े जाने का जोखिम है ही नहीं।
पाक के 11 ग्रुप 3 पीढ़ियों से तस्करी में
सूत्रों का कहना है कि पाक से लगी पंजाब की सीमा पर 27 पाॅइंट हेरोइन की ‘तस्करी का गेटवे’ हैं। तस्कर यहां की भौगोलिक परिस्थितियों का फायदा उठा रहे हैं। पाक में ऐसे 11 ग्रुप सक्रिय हैं जो 3 पीढ़ियों से काम कर रहे हैं, जो पहले सोने की तस्करी करते थे, अब हेरोइन की। इनमें अब्दुल, चौधरी, गुफार, मंसूर आदि के नाम हैं।
43 ए कैटेगरी तस्कर जेलों में, पाक से डायरेक्ट जुड़े, हवाला से लेन-देन
पुलिस की जांच और पकड़े गए तस्करों के इंटरोगेशन में सामने आया कि कई तस्कर जेलों में बंद हैं। अब तक ए कैटेगरी माने जाते 43 ऐसे तस्कर हैं, जिन्होंने पाकिस्तान स्थित तस्करों से संपर्क साधा और ड्रोन की लोकेशन अपने साथी को भेजी। हाल ही में 27 जुलाई को गुरदासपुर में पकड़े गए तस्करों ने पूछताछ में कबूला कि उनको जेल में बंद उनके साथी ने ही पाकिस्तान में संपर्क कर हेरोइन मंगवाई थी। इससे पहले एक से दो किलो तक हेरोइन ड्रोन के जरिए मंगवाई गई। जेल से ही पिक एंड ड्रॉप की लोकेशन तय होती है। लेन-देन हवाला से।
मिनी ड्रोन बड़ी चुनौती, ट्रेस भी नहीं हो पाते
DGP गौरव यादव के अनुसार, छोटे ड्रोन से बढ़ रही तस्करी चुनौती है। हमने केंद्र से भी बॉर्डर पर विशेष तकनीक उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है ताकि इन गतिविधियों को रोकने में मदद मिल सके। साथ ही हमने कहा है कि हेरोइन की कॉमर्शियल क्वांटिटी की सीमा 250 ग्राम से घटाकर 25-50 ग्राम की जाए।