Mahakumbh Fire Accident : प्रयागराज (Prayagraj) में चल रहे महाकुंभ (Mahakumbh 2025) में एक बार फिर आग लगने की बड़ी घटना सामने आई है। सेक्टर 18 और 19 में अचानक आग भड़क उठी, जिससे कई पंडाल जलकर खाक हो गए। आग लगते ही मेला क्षेत्र (Mela Kshetra) में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन और फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने में जुट गईं।
हालांकि, राहत की बात यह है कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है। आग लगने की वजह अभी साफ नहीं हो पाई है, लेकिन अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है।
तीसरी बार आग की घटना, सुरक्षा पर सवाल
गौरतलब है कि यह तीसरी बार है जब महाकुंभ में आग लगने की घटना सामने आई है। इससे पहले, 9 फरवरी 2025 की रात सेक्टर 23 में आग लगी थी। तब भी फायर ब्रिगेड ने तुरंत कार्रवाई कर आग पर काबू पा लिया था। जांच में सामने आया कि आग गैस सिलेंडर लीक होने की वजह से लगी थी।
30 जनवरी 2025 को भी महाकुंभ के छतनाग घाट (Chhatnag Ghat) के पास सेक्टर 22 में आग लगी थी। इस हादसे में एक दर्जन से ज्यादा टेंट जलकर राख हो गए थे। आग झूंसी (Jhunsi) के पास टेंट सिटी (Tent City) में लगी थी, जिसे एक निजी कंपनी द्वारा स्थापित किया गया था।
गीता प्रेस शिविर में भी लगी थी आग
इससे पहले 19 जनवरी 2025 को भी गोरखपुर (Gorakhpur) के गीता प्रेस (Geeta Press) शिविर में आग लग चुकी है। यह शिविर शास्त्री ब्रिज (Shastri Bridge) के पास सेक्टर 19 में स्थित था, जहां आग की चपेट में आकर 150 से अधिक कॉटेज जलकर खाक हो गए थे।
प्रशासन ने इस घटना की वजह छोटे गैस सिलेंडर का रिसाव बताई थी, जबकि गीता प्रेस के अधिकारियों का कहना था कि आग बाहर से आई थी।
फायर ब्रिगेड की तेज कार्रवाई से बड़ा हादसा टला
महाकुंभ में फायर ब्रिगेड (Fire Brigade) की मुस्तैदी ने इस बार भी बड़ा हादसा होने से रोक दिया। चीफ फायर ऑफिसर प्रमोद कुमार शर्मा (Chief Fire Officer Pramod Kumar Sharma) ने बताया कि सूचना मिलते ही दमकल की कई गाड़ियां मौके पर भेजी गईं और तेजी से आग पर काबू पा लिया गया।
मेला प्रशासन ने फायर सेफ्टी (Fire Safety) को लेकर और कड़े कदम उठाने की जरूरत बताई है, ताकि आगे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
महाकुंभ में बार-बार आग क्यों लग रही है?
महाकुंभ क्षेत्र में आग लगने के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं:
गैस सिलेंडर का लीक होना – शिविरों और पंडालों में खाना बनाने के लिए छोटे सिलेंडर का इस्तेमाल होता है, जिनमें रिसाव की संभावना अधिक होती है।
इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट – अस्थायी रूप से लगाए गए बिजली कनेक्शनों में गड़बड़ी होने से आग लग सकती है।
टेंट और पंडाल का ज्वलनशील होना – टेंट और पंडाल कपड़े और प्लास्टिक से बने होते हैं, जो आग पकड़ने में ज्यादा समय नहीं लगाते।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी – प्रशासन की ओर से पर्याप्त सुरक्षा उपाय न होने की वजह से इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
लगातार हो रही आगजनी की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन सख्त हो गया है। फायर ब्रिगेड और मेला अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि सभी शिविरों और पंडालों की फायर सेफ्टी जांच की जाए और हर जगह आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं।
मेला प्रशासन ने गैस सिलेंडर के इस्तेमाल को सीमित करने और इलेक्ट्रिकल वायरिंग को सुरक्षित करने के निर्देश जारी किए हैं।