Mahatma Gandhi Beer Controversy : रूस (Russia) की एक शराब बनाने वाली कंपनी “Revort” द्वारा महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के नाम और उनकी तस्वीर का इस्तेमाल करके बीयर बेचने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर जैसे ही बीयर के कैन की तस्वीरें वायरल हुईं, लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। कई यूजर्स ने इसे “भारत के मूल्यों और गांधीजी की विरासत का अपमान” करार दिया।
इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि ओडिशा (Odisha) की पूर्व मुख्यमंत्री नंदिनी सत्पथी (Nandini Satpathy) के पोते और राजनीतिज्ञ सुपर्णो सत्पथी (Suprano Satpathy) ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से अपील की कि वे यह मुद्दा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के सामने उठाएं।
My humble request with PM @narendramodi Ji is to take up this matter with his friend @KremlinRussia_E . It has been found that Russia’s Rewort is selling Beer in the name of GandhiJi… SS pic.twitter.com/lT3gcB9tMf
— Shri. Suparno Satpathy (@SuparnoSatpathy) February 13, 2025
सोशल मीडिया पर भड़के यूजर्स, ‘गांधीजी और शराब का क्या संबंध?’
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर बड़ी संख्या में यूजर्स ने इस विवाद पर कड़ी नाराजगी जताई।
एक यूजर ने लिखा, “गांधीजी शराब विरोधी थे, फिर उनके नाम और तस्वीर का इस्तेमाल बीयर के कैन पर क्यों?”
दूसरे यूजर ने कहा, “यह भारत के लिए अपमानजनक है। शांति और अहिंसा के प्रतीक महात्मा गांधी की छवि को शराब बेचने के लिए उपयोग करना बेहद निंदनीय है।”
एक अन्य यूजर ने तंज कसते हुए कहा, “क्या रूस को वास्तव में महात्मा गांधी के नाम की बीयर बेचने की जरूरत है? इससे बड़ा अपमान और क्या हो सकता है?”
सुपर्णो सत्पथी ने भी सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें साझा कीं, जिनमें बीयर कैन पर “Mahatma Ji” लिखा हुआ साफ नजर आ रहा है।
गांधीजी की विरासत का अपमान या ब्रांडिंग स्ट्रेटजी?
यह पहली बार नहीं है जब महात्मा गांधी के नाम और छवि का विवादित तरीके से इस्तेमाल किया गया हो। इससे पहले भी विभिन्न उत्पादों और प्रचार अभियानों में उनका नाम जोड़ा गया, जिससे विवाद पैदा हुए।
महात्मा गांधी हमेशा शराब और नशे के विरोधी थे। उन्होंने भारत में पूर्ण शराबबंदी (Prohibition of Alcohol) की वकालत की थी। ऐसे में उनका नाम और तस्वीर शराब के किसी ब्रांड से जोड़ना लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है।
रूस की कंपनी “Revort” की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह विवाद तेजी से बढ़ रहा है।
कई भारतीय यूजर्स और संगठनों ने रूस सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मोदी सरकार पर दबाव, क्या होगा अगला कदम?
इस विवाद को देखते हुए अब भारत सरकार और विदेश मंत्रालय पर दबाव बढ़ रहा है कि वह इस मामले को रूस सरकार के सामने उठाए।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह मामला ज्यादा तूल पकड़ता है, तो भारत सरकार इसे कूटनीतिक स्तर पर उठा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहले भी इस तरह के मामलों में कंपनियों को अपने उत्पाद वापस लेने पड़े हैं। अब देखना यह होगा कि क्या Revort कंपनी इस बीयर को मार्केट से हटाएगी या नहीं।