लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने दिल्ली में कुलियों के एक समूह से मुलाकात की। एक कुली, मोहम्मद करीम अक्रान ने इस मुलाकात के बाद कहा कि मैंने राहुल गांधी को बताया कि देश के अलग-अलग हिस्सों से कुली यहां इकट्ठा हुए हैं। 2008 में, लालू प्रसाद यादव (तत्कालीन रेल मंत्री) ने हमें ग्रुप डी का दर्जा दिया, जिसके कारण हम अपना घर चला रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही निजी बैटरी कारों की वजह से हमारे पास कोई काम नहीं है।
अक्रान ने बताया कि हमने राहुल गांधी से कहा कि हमें 2008 की तरह ग्रुप डी का दर्जा चाहिए। हमें उम्मीद है कि राहुल गांधी हमारा मुद्दा उठाएंगे। इससे पहले राहुल गांधी ने भारतीय रेलवे लोको पायलटों के एक समूह से मुलाकात की थी जिन्होंने “कर्मचारियों की कमी के कारण अपर्याप्त आराम” की शिकायत की। राहुल गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह उनके मुद्दों को संसद में उठाएंगे। उन्होंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पूरे भारत के 50 से अधिक लोको पायलटों से मुलाकात की और उन्होंने उन्हें अपनी समस्याएं बताईं।
उन्होंने बताया कि मूलतः लोको पायलटों ने अपर्याप्त आराम की शिकायत की। उन्होंने कहा कि लोको पायलट घर से दूर, लंबी दूरी तक ट्रेन चलाते हैं और अक्सर उन्हें बिना पर्याप्त ब्रेक के ड्यूटी पर भेज दिया जाता है। इससे काफी तनाव होता है और एकाग्रता में कमी आती है, जो दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है। लोको पायलट 46 घंटे के साप्ताहिक आराम की मांग करते हैं, जिसका मतलब है कि शुक्रवार दोपहर को घर लौटने वाला ट्रेन चालक रविवार की सुबह से पहले ड्यूटी पर लौट आएगा।
हालांकि, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि ‘लोको पायलट’ रेलवे परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य हैं लेकिन विपक्ष उनका मनोबल गिराने के लिए काफी दुष्प्रचार एवं नाटक कर रहा है। वैष्णव ने ‘एक्स’ पर ट्रेन चालकों की कार्यदशा सुधारने के लिए रेलवे द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, ‘‘ लोको पायलट की ड्यूटी के घंटे पर सावधानीपूर्वक नजर रखी जाती है। यात्राओं (फेरों) के बाद ध्यानपूर्वक उन्हें आराम प्रदान किया जाता है। ड्यूटी के औसत घंटे निर्धारित घंटों (समय सीमा) के अंदर बनाकर रखे जाते हैं।’’