Water Pollution, Arsenic in Groundwater : भारत में जल संकट गंभीर होता जा रहा है, और अब पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) के पानी में आर्सेनिक (Arsenic), यूरेनियम (Uranium) और नाइट्रेट (Nitrate) जैसे जहरीले तत्व मानक से अधिक पाए गए हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) की रिपोर्ट के अनुसार, इन राज्यों के कई जिलों में भूजल की गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है। इसका सीधा असर यहां रहने वाले लोगों की सेहत पर पड़ रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के 20 जिलों और हरियाणा के 16 जिलों में भूजल में जहरीले तत्वों की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। यही कारण है कि इन राज्यों में कैंसर (Cancer), किडनी फेल्योर (Kidney Failure) और अन्य गंभीर बीमारियों के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया तो यह समस्या और विकराल हो सकती है।
पानी में बढ़ता जहर! कैंसर के मरीज बढ़ने का मुख्य कारण?
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रताप राव जाधव (Pratap Rao Jadhav) ने 13 दिसंबर को संसद में बताया था कि हरियाणा (Haryana) के अंबाला (Ambala), सिरसा (Sirsa), फतेहाबाद (Fatehabad) और कैथल (Kaithal) जैसे इलाकों में घग्गर नदी (Ghaggar River) के पास के गांवों में भारी धातुओं और पानी के प्रदूषण की वजह से कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
- हरियाणा में हर 1 लाख लोगों पर 102 कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं।
- पिछले 4 साल में कैंसर मरीजों की संख्या में 11.27% की बढ़ोतरी हुई है।
- हरियाणा कैंसर मामलों में देशभर में तीसरे नंबर पर है।
किन जिलों में पानी सबसे ज्यादा जहरीला?
आर्सेनिक की उच्च मात्रा वाले जिले: भिवानी (Bhiwani), फतेहाबाद (Fatehabad), करनाल (Karnal), रोहतक (Rohtak), सोनीपत (Sonipat)
नाइट्रेट की उच्च मात्रा वाले जिले: अंबाला (Ambala), फरीदाबाद (Faridabad), हिसार (Hisar), गुरुग्राम (Gurugram), पंचकूला (Panchkula), पानीपत (Panipat), सिरसा (Sirsa), यमुनानगर (Yamunanagar)
रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा के पानी में फ्लोराइड (Fluoride), नाइट्रेट (Nitrate) और आयरन (Iron) तय मानक से 2.5 गुना अधिक पाए गए हैं।
पानी में आर्सेनिक क्यों खतरनाक है?
आर्सेनिक (Arsenic) एक जहरीला तत्व है, जो मुख्य रूप से भूजल में प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है। जब इसका स्तर 0.05 मिग्रा./लीटर से अधिक हो जाता है, तो यह इंसानों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
आर्सेनिक युक्त पानी पीने से होने वाले नुकसान:
- कैंसर (Cancer): आर्सेनिक लंबे समय तक शरीर में जमा होने से फेफड़े, त्वचा और मूत्राशय के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- किडनी फेल्योर (Kidney Failure): अधिक मात्रा में आर्सेनिक किडनी पर बुरा असर डालता है।
- हड्डियों की कमजोरी (Bone Weakness): इससे शरीर में कैल्शियम की कमी हो सकती है।
- त्वचा संबंधी रोग (Skin Diseases): यह त्वचा पर दाग-धब्बे और खुजली जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
कैसे पता करें कि पानी में आर्सेनिक ज्यादा है?
यह सबसे खतरनाक बात है कि आर्सेनिक युक्त पानी को आंखों, नाक या स्वाद से पहचाना नहीं जा सकता। ऐसा पानी सामान्य दिखता है और पीने में कोई बदलाव महसूस नहीं होता।
पानी में आर्सेनिक की पहचान के तरीके:
- सरकारी लैब में पानी की जांच कराएं।
- घर पर टेस्टिंग किट का इस्तेमाल करें।
- RO या आर्सेनिक फिल्टर वाले वाटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
पंजाब-हरियाणा की सरकारें क्या कर रही हैं?
पानी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए हरियाणा सरकार (Haryana Government) और पंजाब सरकार (Punjab Government) ने कई कदम उठाए हैं:
- ग्रामीण इलाकों में RO प्लांट लगाने की योजना पर काम हो रहा है।
- हरियाणा सरकार ने 2024 में जल गुणवत्ता सुधार के लिए 500 करोड़ का बजट जारी किया।
- पंजाब में विशेष वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं।
- किसानों को केमिकल फर्टिलाइजर की जगह ऑर्गेनिक खेती अपनाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
पानी की गुणवत्ता सुधारना बेहद जरूरी
पंजाब और हरियाणा में जल प्रदूषण एक बड़ा संकट बन चुका है। भूजल में आर्सेनिक, यूरेनियम और नाइट्रेट की मात्रा लगातार बढ़ने से कैंसर, किडनी फेल्योर और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
सरकारें इस समस्या को हल करने के लिए उपाय कर रही हैं, लेकिन जब तक जल शुद्धिकरण पर सख्त कदम नहीं उठाए जाते, तब तक यह खतरा बना रहेगा। हर नागरिक को भी जागरूक होकर पानी की जांच करवानी चाहिए और सुरक्षित पानी का ही इस्तेमाल करना चाहिए।