पटना, 11 मार्च (The News Air) लालू परिवार पर जांच एजेंसियों की बढ़ती दबिश से बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है। रेलवे में घोटाले में फंसे लालू प्रसाद की पार्टी समेत महागठबंधन के घटक दल केंद्र सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा रही है, जबकि भाजपा करनी का फल बता रही है।
राजद के नेता लालू प्रसाद ने जांच एजेंसियों की लगातार छापेमारी और पूछताछ से भड़क गए हैं।
लालू प्रसाद ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि हमने आपातकाल का काल दौर भी देखा है। हमने वह लड़ाई भी लड़ी थी। आधारहीन प्रतिशोधात्मक मामलों में आज मेरी बेटियों, नन्हें-मुन्ने नातियों और गर्भवती पुत्रवधु को भाजपाई ईडी ने 15 घंटों से बैठा रखा है। क्या इतने निम्नस्तर पर उतर कर बीजेपी हमसे राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगी?
उन्होंने आगे चेतावनी देते हुए यह भी लिखा कि संघ और भाजपा के विरुद्ध मेरी वैचारिक लड़ाई रही है और रहेगी। इनके समक्ष मैंने कभी भी घुटने नहीं टेके हैं और मेरे परिवार एवं पार्टी का कोई भी व्यक्ति आपकी राजनीति के समक्ष नतमस्तक नहीं होगा।
इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को अपने कुकर्मों की सजा इसी जीवन में भुगतनी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि जीवन के बाद स्वर्ग और नर्क क्या होता है यह तो किसी को पता नहीं। लालू परिवार उसका साक्षात उदाहरण है। पिता अगर गलत काम करे तो उसे रोकना भी बच्चों का ही काम होता है। एक बार भी अगर बच्चों ने यह पूछ लिया होता कि पिताजी आपको और मां को बिहार का मुख्यमंत्री बिहार की जनता ने बनाया। उस समय आपने 10 हजार करोड़ का घोटाला किया और आप जेल भी गए।
उन्होंने कहा कि हम सब पर भी जेल जाने का खतरा मंडरा रहा है। लालू परिवार की स्थिति हर उस व्यक्ति के लिए सबक है जो भ्रष्टाचार के पैसों से अपने परिवार की खुशी खरीदता है। हर किसी को अपने कर्मों का हिसाब यहीं देकर जाना है।