नई दिल्ली, 07 फ़रवरी (The News Air):- मोदी सरकार ने गिग वर्कर्स के लिए एक बड़ी पहल की है, जिससे अमेज़न, जोमैटो, स्विगी, ओला और उबर जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म से जुड़े श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। सरकार जल्द ही एक करोड़ गिग श्रमिकों के लिए पेंशन योजना लाने की तैयारी कर रही है, जिसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मांगी जाएगी।
पेंशन योजना का खाका
सूत्रों के अनुसार, श्रम मंत्रालय एक नई प्रणाली पर काम कर रहा है, जिसके तहत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हर लेन-देन पर श्रमिकों की आय का एक निश्चित हिस्सा सामाजिक सुरक्षा अंशदान के रूप में कटौती करेंगे। योजना के अंतर्गत, सेवानिवृत्ति के समय श्रमिकों को दो विकल्प मिल सकते हैं—या तो वे संचित धन पर प्राप्त ब्याज को मासिक पेंशन के रूप में प्राप्त करें या फिर एक निर्धारित अवधि तक किस्तों में राशि लें। हालांकि, अभी तक इस योजना में श्रमिकों और प्लेटफॉर्म द्वारा किए जाने वाले योगदान की दर तय नहीं की गई है।
बजट में हुई थी घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025 में गिग वर्कर्स के लिए एक बड़ी घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि सरकार ई-श्रम पोर्टल पर इन श्रमिकों का पंजीकरण और पहचान पत्र जारी करने की व्यवस्था करेगी। इसके साथ ही, उन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
नीति निर्माण की प्रक्रिया जारी
व्यय सचिव मनोज गोविल के अनुसार, श्रम मंत्रालय और अन्य संबंधित विभाग इस योजना के मापदंडों को तय करने पर काम कर रहे हैं। यह योजना या तो पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित होगी, या फिर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के अनुपात में लागत साझा की जाएगी।
सरकार की इस पहल से देशभर के गिग वर्कर्स को दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा मिलेगी, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।