नई दिल्ली, 1 मई (The News Air) 127 साल पुराना गोदरेज परिवार अब दो हिस्सों में विभाजित हो चुका है। एक ओर जहां शेयर बाजार में लिस्टेड गोदरेज फर्में आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर गोदरेज के हिस्से में आई हैं, तो वहीं ग्रुप की नॉन-लिस्टेड कंपनियां चचेरे भाई जमशेद और उनकी बहन स्मिता को मिला है। ग्रुप की टोटल वैल्यू करीब 2.34 लाख करोड़ रुपए है। गोदरेज ग्रुप का कारोबार साबुन और घरेलू उपकरणों से लेकर रियल एस्टेट तक फैला है।
इन लिस्टेड कंपनियों की कमान आदि गोदरेज के पास
Godrej Family में इस बंटवारे को लेकर एक समझौते पर साइन होने के बाद ग्रुप का कारोबार बांटे जाने का ऐलान किया गया है। ग्रुप की पांच कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड हैं और इनमें गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज प्रोपर्टीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफ साइंसेज शामिल हैं। इनकी जिम्मेदारी 82 साल के आदि गोदरेज और उनकी भाई 73 साल के नादिर गोदरेज को मिली है।
चचेरे भाई-बहन को बंटवारे में क्या मिला?
Adi Godrej फिलहाल गोदरेज ग्रुप के चेयरमैन हैं और उनके भाई नादिर, गोदरेज इंडस्ट्रीज और गोदरेज एग्रोवेट के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा उनके चचेरे भाई जमशेद गैर-सूचीबद्ध गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के अध्यक्ष हैं, जबकि बहन स्मिता कृष्णा और ऋषद गोदरेज की भी गोदरेज एंड बॉयस में हिस्सेदारी है, जिनके पास विक्रोली की अधिकांश संपत्ति है।
बंटवारे के तहत आदि और नादिर गोदरेज के चचेरे भाई-बहन जमशेद और स्मिता को गैर-सूचीबद्ध कंपनी गोदरेज एंड बॉयस (Godrej And Boyce) का मालिकाना दिए जाने पर सहमति बनी है। इसके साथ ही इन्हें मुंबई में गोदरेज ग्रुप की एक बड़ी प्रॉपर्टी भी मिलेगी। मुंबई में ये लैंड बैंक 3400 एकड़ का है।
1897 से देश के निर्माण में योगदान
बंटवारे के बाद नादिर गोदरेज ने कहा कि Godrej की स्थापना 1897 में भारत के लिए आर्थिक स्वतंत्रता के निर्माण में मदद करने के लिए की गई थी। हम कारोबार पर फोकस करने के साथ इस विरासत को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं। वहीं चचेरे भाई जमशेद गोदरेज का कहना है कि गोदरेज एंड बॉयस हमेशा राष्ट्र निर्माण के मजबूत उद्देश्य से प्रेरित रहा है। अब इस पारिवारिक समझौते के साथ हम इसकी ग्रोथ को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।