इस बात की संभावना है कि फेडरल रिजर्व के अधिकारी लगातार छठी बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेंगे। इसके अलावा उम्मीद से ज्यादा महंगाई के बाद निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की कोई योजना नहीं होने के भी संकेत नहीं मिल रहे हैं। फेडरल ओपन मार्केट कमेटी बुधवार को अपनी दो दिवसीय नीति बैठक के समापन पर अपनी बेंचमार्क दर के लिए टारगेट रेंज 5.25% से 5.5% पर रखेगी। यह दर जुलाई में पहली बार दो दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी।
दर पर लिए गए फैसले और बैलेंस-शीट कटौती कार्यक्रम की गति पर एक घोषणा दोपहर बुधवार को 2 बजे की जाने की उम्मीद है। इसके 30 मिनट बाद वाशिंगटन में फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
नीति निर्माता तब तक ब्याज दरों में कटौती करने के लिए तैयार नहीं हैं जब तक उन्हें यकीन नहीं हो जाता कि महंगाई 2 फीसदी पर आ गई है। वे इस दर को एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए उपयुक्त मानते हैं। अभी तक 2024 में दरों में तीन कटौती की बात की जा रही थी। लेकिन पॉवेल आज यह संकेत दे सकते हैं कि ये योजना होल्ड पर है और आगे की स्थिति महंगाई की स्थिति में सुधार पर निर्भर करेगी।
बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्प में अमेरिकी अर्थशास्त्र के प्रमुख माइकल गैपेन ने कहा, “हमें इस तरह के मैसेज मिल सकते हैं कि वेट एंड वॉच मोड में रहें, किसी नीति को असर दिखाने के लिए अधिक समय की जरूरत होती है।” जिद्दी महंगाई का उत्तर यह है कि आप जहां हैं वहीं लंबे समय तक बने रहें। ‘अगर हमें ऐसा करना पड़ा तो हम तब तक रुके रहेंगे जब तक महंगाई लक्षित रेंज में नहीं आ जाती।’
बैठक के बाद के पॉलिसी एनाउंसमेंट और प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही जाने वाली बातों के संकेत पॉवेल ने 16 अप्रैल के भाषण में दे दिए थे। इसमें फेड चेयरमैन ने कहा था कि दरें लंबे समय तक ऊंची रह सकती हैं और केंद्रीय बैंक नीति को “जब तक जरूरत होगा” कठोर बनाए रखेगा।
ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स का कहना कि पॉवेल 30 अप्रैल-1 मई की बैठक में कठोर रुख बनाए रखेंगे। उनसे अब इस साल ‘कम’ कटौती की उम्मीद है। अधिक कठोर रहने की स्थिति वे इस साल किसी कटौती की संभावना से इंकार का भी संकेत दे सकते हैं। वे यह भी संकत दे सकते हैं कि अगर महंगाई नियंत्रण में नहीं रही तो दरों में बढ़ोतरी भी हो सकती है।