Voter List Update – चुनाव आयोग (Election Commission) अब वोटर लिस्ट (Voter List) को और अधिक पारदर्शी और डिजिटल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। जल्द ही वोटर लिस्ट को मोबाइल नंबर (Mobile Number) और ईमेल (Email) से जोड़ा जाएगा। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य फर्जी वोटिंग (Fake Voting) रोकना और वोटरों को उनके नाम से जुड़ी हर अपडेट की जानकारी देना है।
फर्जी वोटिंग को लेकर सियासत तेज
देशभर में वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों और फेक वोटर्स को लेकर लगातार विवाद बना हुआ है। हाल ही में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग की आलोचना की थी।
अब पश्चिम बंगाल (West Bengal) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से पहले यह मुद्दा फिर गरमा गया है। तृणमूल कांग्रेस (TMC), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) – तीनों पार्टियां वोटर लिस्ट में धांधली को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठा रही हैं।
कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य (Pradip Bhattacharya) ने भी मांग की है कि फर्जी वोटरों की पहचान के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाए। इसके बाद चुनाव आयोग ने फर्जी वोटिंग रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।
मोबाइल नंबर और ईमेल अपडेट से क्या होगा फायदा?
वर्तमान में, अगर किसी मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से हटाया जाता है तो उन्हें केवल नोटिस भेजकर सूचना दी जाती है। लेकिन अधिकतर मामलों में या तो वह नोटिस मतदाता तक पहुंचता नहीं है या फिर यह सिर्फ औपचारिकता बनकर रह जाता है।
अब चुनाव आयोग की नई योजना के तहत:
- मोबाइल नंबर और ईमेल अपडेट होने से वोटर को रियल-टाइम अलर्ट मिलेगा।
- अगर किसी का नाम वोटर लिस्ट से हटाया जाता है, तो इसकी जानकारी सीधे उनके मोबाइल और ईमेल पर भेजी जाएगी।
- वोटर को यह भी बताया जाएगा कि उनका नाम हटाने का कारण क्या है।
- यदि कोई वोटर इस फैसले से असंतुष्ट है, तो वह तुरंत इसे चुनौती भी दे सकेगा।
देशभर में चलाया जाएगा जागरूकता अभियान
चुनाव आयोग इस बदलाव को पूरे देश में लागू करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है। इस योजना को सही ढंग से लागू करने के लिए 4 और 5 मार्च को नई दिल्ली (New Delhi) में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) की बैठक आयोजित की जाएगी।
इस बैठक में:
- इस योजना को लागू करने की रणनीति पर चर्चा होगी।
- फर्जी वोटर्स की पहचान के लिए बेहतर तकनीकों पर विचार किया जाएगा।
- मतदाता जागरूकता अभियान की रूपरेखा तय की जाएगी।
चुनाव आयोग की इस नई योजना से क्या बदलेगा?
- वोटर लिस्ट अधिक पारदर्शी बनेगी – अब किसी भी वोटर का नाम अचानक लिस्ट से नहीं हटेगा और अगर हटाया जाएगा, तो इसकी वजह भी बताई जाएगी।
- फर्जी वोटिंग पर लगेगी रोक – मोबाइल नंबर और ईमेल लिंक होने से फेक वोटर्स की पहचान करना आसान हो जाएगा।
- मतदाता को पूरी जानकारी मिलेगी – अब वोटर को पता होगा कि उनके वोटर कार्ड में क्या बदलाव किए गए हैं और वे सही समय पर आपत्ति भी दर्ज करा सकेंगे।
- डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा मिलेगा – यह प्रक्रिया डिजिटल टेक्नोलॉजी के जरिए लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी।
क्या यह योजना 2024 के चुनावों से पहले लागू होगी?
चुनाव आयोग की योजना को लेकर चर्चा जोरों पर है, लेकिन इसे लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) से पहले लागू करने की संभावना कम है। हालांकि, राज्य चुनावों से पहले इसे आंशिक रूप से लागू किया जा सकता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि इस नई व्यवस्था को कब तक और कितनी प्रभावी तरीके से लागू किया जाता है। लेकिन एक बात तय है कि मोबाइल नंबर और ईमेल जोड़ने का यह फैसला मतदाता सूची को पहले से कहीं ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित बनाने वाला है।