Midnight CEC Appointment News: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर असहमति पत्र सौंपा है। यह कदम चुनाव आयुक्त के चयन के लिए गठित समिति में उनके सदस्य होने के नाते उठाया गया है।
राहुल गांधी ने सरकार पर चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश की अनदेखी करते हुए मुख्य न्यायाधीश (CJI) को चयन समिति से हटा दिया और आधी रात (Midnight) को सीईसी (CEC) की नियुक्ति की।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी पर राहुल गांधी का सवाल
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफार्म ‘X’ (X) पर पोस्ट करते हुए कहा, “मैंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री (Home Minister) को असहमति पत्र सौंपा और स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग की स्वतंत्रता के लिए यह जरूरी है कि मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कार्यपालिका के प्रभाव से मुक्त हो।”
राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि चुनाव आयोग की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया का पालन न करना लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।
During the meeting of the committee to select the next Election Commissioner, I presented a dissent note to the PM and HM, that stated: The most fundamental aspect of an independent Election Commission free from executive interference is the process of choosing the Election… pic.twitter.com/JeL9WSfq3X
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 18, 2025
मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर हमला
राहुल गांधी ने इस संदर्भ में कहा, “मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन ऐसे समय में किया गया जब सुप्रीम कोर्ट में इसकी प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी। यह सरकार की ओर से असंविधानिक कदम है।”
राहुल गांधी ने आगे कहा कि आधी रात में CEC (Knowledge Kumar) की नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के गरिमामयी पद के खिलाफ है। यह कदम एक ऐसी प्रक्रिया के दौरान उठाया गया है, जब चयन प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी जा रही थी।
सीजेआई को चयन समिति से हटाने का आरोप
राहुल गांधी ने अपनी असहमति पत्र में यह भी कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश की अनदेखी करते हुए मुख्य न्यायाधीश (CJI) को चयन समिति से हटा दिया, जो चुनाव आयोग की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार है।
राहुल गांधी ने कहा, “यह कदम एक गंभीर उल्लंघन है और इससे लोकतंत्र के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठता है।”
राहुल गांधी का लोकतंत्र और जिम्मेदारी पर बयान
राहुल गांधी ने कहा, “नेता प्रतिपक्ष के रूप में मेरा कर्तव्य है कि मैं बाबासाहेब आंबेडकर और हमारे राष्ट्र निर्माताओं के आदर्शों को बनाए रखें और सरकार को जवाबदेह ठहराऊं।” उन्होंने इस मुद्दे पर जोर देते हुए कहा कि सरकार को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाना चाहिए।
आखिरकार क्या होगा?
अब यह सवाल उठता है कि सरकार (Government) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं। क्या सरकार चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को प्रभावित करेगी या यह मामला उच्चतम न्यायालय तक जाएगा?
राहुल गांधी के आरोपों ने सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट किया है और यह मामला आगे बढ़ने की संभावना को बढ़ाता है।