Key Legal Update: महाराष्ट्र में बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने एक अहम आदेश दिया है, जिसके तहत अब मां की जाति के आधार पर ओबीसी (OBC) सर्टिफिकेट जारी किए जाने की संभावना बन सकती है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि ‘आपले सरकार’ पोर्टल पर ऐसे प्रावधान जोड़े जाएं, जिससे मां की जाति (Mother’s Caste) के आधार पर जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate) और ओबीसी सर्टिफिकेट (OBC Certificate) जारी किए जा सकें।
हाई कोर्ट का आदेश और ‘आपले सरकार’ पोर्टल
‘आपले सरकार (Aaple Sarkar)’ महाराष्ट्र सरकार की एक आधिकारिक वेबसाइट है, जो नागरिकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए बनाई गई है। इस पोर्टल के माध्यम से लोग शिकायतें दर्ज कर सकते हैं और योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) को आदेश दिया कि वह इस पोर्टल में संशोधन करके मां की जाति (Mother’s Caste) के दस्तावेज़ अपलोड करने की सुविधा प्रदान करे। इससे नागरिकों को ओबीसी (OBC) सर्टिफिकेट प्राप्त करने में आसानी होगी, जो उनकी मां की जाति के आधार पर होगा।
स्वानुभूति जैन की याचिका और कोर्ट का आदेश
इस मामले की सुनवाई स्वानुभूति जैन (Swanubhuti Jain) द्वारा दायर याचिका पर की गई, जिसमें उन्होंने अपने मां की जाति के आधार पर ओबीसी प्रमाण पत्र (OBC Certificate) प्राप्त करने का आग्रह किया था। स्वानुभूति ने कहा कि पोर्टल पर पिता (Father’s Caste) के जाति प्रमाण पत्र के दस्तावेज़ अपलोड किए जाते हैं, लेकिन मां (Mother) के जाति दस्तावेज़ को अपलोड करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
कोर्ट (Court) ने राज्य सरकार को एक समिति (Committee) गठित करने का निर्देश दिया, ताकि यह विचार किया जा सके कि क्या ‘आपले सरकार’ पोर्टल पर मां की सामाजिक स्थिति के दस्तावेज़ अपलोड करने का विकल्प जोड़ा जा सकता है। इसके अलावा, कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह नागरिकों को अपनी मां के जाति दस्तावेज़ अपलोड करने की सुविधा प्रदान करें।
कोर्ट का निर्णय और जैन की याचिका पर खंडन
हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने स्वानुभूति जैन की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जैन ने यह साबित करने में विफल रही कि उसे केवल उसकी मां (Her Mother) ने पाला था, और उसकी परवरिश में मां की जाति (Mother’s Caste) का असर था। कोर्ट ने यह भी कहा कि जैन के पिता ने उसकी शिक्षा का खर्च उठाया था, और वे सभी एक ही घर में रहते थे।
कोर्ट का निष्कर्ष और ओबीसी प्रमाण पत्र का आवेदन
कोर्ट ने यह निष्कर्ष भी निकाला कि जैन ने अनारक्षित (General Category) पिता के घर में पले-बढ़े होने के बावजूद, मां की ओबीसी स्थिति (Mother’s OBC Status) का लाभ उठाने की कोशिश की। 2022 में जैन की मां ने ओबीसी प्रमाण पत्र (OBC Certificate) प्राप्त किया था, जिसके बाद जैन ने जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। कोर्ट ने कहा कि जैन ने अपनी मां के ओबीसी स्थिति का लाभ लेने की रणनीतिक कोशिश की, जो कि नियमों के खिलाफ है।