हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं। यूरेनस (Uranus) को छोड़कर हर ग्रह अपनी धुरी पर घूमता है, जिससे दिन और रात होते हैं। पृथ्वी (Earth) पर एक दिन 24 घंटे का होता है। पृथ्वी के पड़ोसी मंगल ग्रह (Mars) पर एक दिन में 24 घंटे 37 मिनट होते हैं। अब वैज्ञानिकों के हाथ जो जानकारी लगी है, उससे पता चला है कि मंगल ग्रह पर दिन छोटे हो रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि मंगल ग्रह का घूर्णन हर साल लगभग 4 मिलीएआरसीसेकेंड (milliarcseconds) तक तेज हो रहा है। इससे मंगल ग्रह पर क्या असर होगा? आइए जानते हैं।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के इनसाइट मार्स लैंडर के डेटा से वैज्ञानिकों को नई जानकारी मिली है। वैज्ञानिक मंगल ग्रह स्पिन यानी घुमाव को सटीक रूप से मापने (measurement) में सक्षम हुए हैं।
उन्हें पता चला है कि मंगल ग्रह का घूर्णन (rotation) हर साल लगभग 4 मिलीएआरसीसेकेंड तक तेज हो रहा है। यह एक मंगल वर्ष में एक मिलीसेकंड के एक अंश के बराबर है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के अनुसार, यह खोज इनसाइट मार्स लैंडर पर लगे रेडियो ट्रांसपोंडर और एंटीना के कारण हो पाई है। इसे रोटेशन एंड इंटीरियर स्ट्रक्चर एक्सपेरिमेंट (RISE) भी कहा जाता था।
RISE की मदद से वैज्ञानिक मंगल ग्रह के घूर्णन को सटीक रूप से माप सके। उन्हें पता चला कि ग्रह का घूमना तेज हो गया है। हालांकि ऐसा क्यों हो रहा है, वैज्ञानिक यह नहीं जान पाए हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह शुरुआत है। जैसे-जैसे मंगल ग्रह से जुड़े नए डेटा मिलेंगे, इस ग्रह के बारे में और जानकारियां मिलती जाएंगी। वैज्ञानिकों के निष्कर्ष नेचर पेपर में पब्लिश हुए हैं।
सिर्फ मंगल ही नहीं, पृथ्वी के घूमने की रफ्तार भी तेज हुई है। पिछले साल वैज्ञानिकों ने बताया था कि पृथ्वी का घूर्णन भी तेज हो रहा है। बीते साल 29 जुलाई को पृथ्वी ने अपनी धुरी का एक चक्कर लगाने में 24 घंटे से कम वक्त लगाया था। पृथ्वी ने 24 घंटे के रोटेशन से 1.59 मिलीसेकंड कम समय में चक्कर पूरा कर लिया था। वैज्ञानिकों ने कहा था पृथ्वी ने हाल के वर्षों में अपनी गति बढ़ा दी है।