Ludhiana Mayor Crisis पर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने 20 फरवरी को प्रिंसिपल इंद्रजीत कौर (Principal Inderjit Kaur) को मेयर बनाया था, लेकिन पार्टी के भीतर दरारें साफ नजर आने लगी हैं। लुधियाना वेस्ट (Ludhiana West) के विधायक गुरप्रीत गोगी (Gurpreet Gogi) की मौत के बाद उनका गुट पार्टी से नाराज है।
गोगी गुट के 10 पार्षदों का आरोप है कि पार्टी ने गोगी के परिवार को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं सौंपी। इनकी मांग है कि गोगी की पत्नी, डॉ. सुखचैन कौर (Dr. Sukhchain Kaur), को लुधियाना वेस्ट सीट की जिम्मेदारी दी जाए।
गोगी गुट के आरोप: बाहरी नेता थोपने की आशंका
गुरप्रीत गोगी की मौत के बाद लुधियाना वेस्ट सीट खाली हो गई है। गोगी गुट को डर है कि पार्टी इस सीट पर बाहरी नेता को आगे कर सकती है।
- Deputy Mayor और Senior Deputy Mayor के पदों पर गोगी गुट को नजरअंदाज किया गया।
- मेयर पद की दौड़ में रही एक महिला पार्षद ने साफ कहा कि बाहरी व्यक्ति को थोपने की स्थिति में वे इसका विरोध करेंगी।
गोगी गुट के 10 पार्षदों के नाराज होने से AAP की मेयर की कुर्सी पर संकट गहरा सकता है।
हाईकमान का रुख: दिल्ली चुनाव में व्यस्तता का हवाला
गोगी गुट की नाराजगी पर जब पत्रकारों ने विधायक अशोक पाराशर पप्पी (Ashok Parashar Pappi) से सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि AAP High Command दिल्ली चुनाव में व्यस्त है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि गोगी के परिवार को सम्मान दिया जाएगा और चुनाव के बाद इस मुद्दे पर बात होगी।
हालांकि, गोगी परिवार ने इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
18 महीने बाद हुआ था मेयर का चुनाव
लुधियाना नगर निगम चुनाव 18 महीने की देरी के बाद 21 दिसंबर को हुए थे।
- 95 वार्डों के चुनाव परिणाम:
- AAP: 41 सीटें
- Congress: 30 सीटें
- BJP: 18 सीटें
- Shiromani Akali Dal (SAD): 2 सीटें
- Independents: 3 सीटें
चुनाव के बाद जोड़-तोड़ कर AAP ने 48 पार्षदों के समर्थन से अपना मेयर चुना। फिलहाल कांग्रेस के पास 26 और भाजपा के पास 18 पार्षद हैं।
पार्टी के भीतर खींचतान: क्या मेयर की कुर्सी जाएगी?
अगर गोगी गुट के 10 पार्षद पार्टी से अलग हो जाते हैं, तो लुधियाना नगर निगम में AAP का बहुमत खतरे में पड़ सकता है।
- कांग्रेस और भाजपा: मेयर पद पर नए समीकरण बनाने की कोशिश कर सकती हैं।
- गोगी गुट की नाराजगी: AAP की स्थिरता पर सवाल खड़े कर रही है।
पार्षदों की नाराजगी: क्या कहता है इतिहास?
यह पहली बार नहीं है जब किसी राजनीतिक दल को पार्षदों की नाराजगी का सामना करना पड़ा हो। गुटबाजी और अंदरूनी खींचतान स्थानीय निकायों की राजनीति में आम है।
- दिल्ली के स्थानीय चुनावों में भी: ऐसी घटनाएं देखने को मिली थीं।
- AAP High Command की भूमिका: इन घटनाओं में स्थिति संभालने की रही है।
गोगी गुट की मांग पर AAP का भविष्य
आम आदमी पार्टी को गोगी गुट के नाराज पार्षदों को जल्द से जल्द मनाना होगा।
- गोगी की पत्नी डॉ. सुखचैन कौर को जिम्मेदारी देकर विवाद खत्म किया जा सकता है।
- दिल्ली चुनाव के बाद हाईकमान को इस मुद्दे पर ध्यान देना जरूरी होगा।