Justice Muhammad Mustaq: केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) के जस्टिस मुहम्मद मुस्ताक (Justice Muhammad Mustaq) ने हाल ही में एक विवादित बयान दिया है, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के समय के ग्राम स्वराज और पंचायती राज व्यवस्था (Panchayati Raj System) को खत्म करने की बात की है। उनका कहना है कि आज के शासन और समाज में बहुत अधिक चुनौतियाँ (Challenges) हैं, और गांधी जी के समय की परिस्थितियाँ अब बदल चुकी हैं।
जस्टिस मुस्ताक ने सोमवार को यह टिप्पणी खुली अदालत में दी। उन्होंने कहा, “यह मेरा निजी विचार (Personal Opinion) है कि गांधी जी द्वारा प्रस्तावित ग्राम स्वराज प्रणाली को अब खत्म कर देना चाहिए। आज के समय में शासन (Governance) बहुत जटिल हो चुका है, और स्थानीय प्रशासन (Local Administration) के सामने कई नए और बड़ी चुनौतियाँ सामने आई हैं।” उनके मुताबिक, गांधी जी के समय केवल छोटे-छोटे कामों की जरूरत थी, लेकिन अब स्थानीय अधिकारियों के पास बहुत बड़ी जिम्मेदारियाँ हैं। उन्होंने उदाहरण के रूप में कचरा प्रबंधन (Waste Management) का उल्लेख किया और कहा कि आज के समय में इस तरह के काम जमीनी स्तर पर नहीं किए जा सकते।
कचरा प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन के मुद्दे पर बड़ा बयान
जस्टिस मुस्ताक ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जैसे एर्नाकुलम (Ernakulam) जिले में कचरा प्रबंधन (Waste Management) के मामले में कई स्थानीय निकाय (Local Bodies) अलग-अलग समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस तरह के मुद्दों को हल करने के लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली (Centralized System) होना चाहिए, जिससे पूरे जिले या बड़े क्षेत्रों का प्रबंधन किया जा सके।
उन्होंने कहा, “आज के समय में, एक छोटी पंचायत (Panchayat) कचरा प्रबंधन नहीं कर सकती। उसके पास इतने संसाधन नहीं होते। इसके लिए हमें पूरे जिले या किसी बड़े क्षेत्र में एक बड़े निकाय (Body) का निर्माण करना चाहिए।” एर्नाकुलम जिले में अलग-अलग स्थानीय निकाय जैसे कक्कनाड (Kakkanad), थ्रीकाकारा (Thrikkakara), और एर्नाकुलम शहर (Ernakulam City) में अलग-अलग कचरा प्रबंधन प्रक्रियाएँ हैं, लेकिन इन सभी के सामने अलग-अलग समस्याएँ हैं। जस्टिस मुस्ताक ने इस बात पर जोर दिया कि अब समय आ गया है कि इन समस्याओं को हल करने के लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली अपनाई जाए।
केंद्रीकरण के जरिए समस्याओं का समाधान, जस्टिस मुस्ताक के विचार
जस्टिस मुस्ताक के अनुसार, आज के समय में ग्राम स्वराज जैसी प्रणाली का अस्तित्व अब टिकाऊ नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि हमें कचरा प्रबंधन जैसे मुद्दों को ठीक से हल करना है, तो हमें एक केंद्रीकृत निकाय बनाना होगा जो पूरे जिले या बड़े क्षेत्रों का प्रबंधन कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय निकायों के पास आज इतने संसाधन नहीं हैं कि वे इन समस्याओं का हल निकाल सकें।