Delhi Earthquake Mystery : सोमवार तड़के राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) और आसपास के शहरों में तेज भूकंप का झटका महसूस किया गया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.0 मापी गई। इसका केंद्र दिल्ली के धौलाकुंआ (Dhola Kuan) के पास पांच किमी गहराई में था। भूकंप के बाद कई लोगों ने तेज आवाज सुनने की बात कही, जो इस घटना को और भी रहस्यमयी बना दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने लोगों से शांत रहने की अपील करते हुए कहा कि अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
दिल्ली में आए भूकंप का केंद्र और उस आवाज का रहस्य
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Seismological Centre) के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र दिल्ली के धौलाकुंआ (Dhola Kuan) के झील पार्क क्षेत्र में था और इसकी गहराई पांच किमी थी। भूकंप के बाद कुछ लोग तेज आवाजें सुनने का दावा कर रहे थे। भूकंप सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर आया था, लेकिन इस दौरान किसी तरह के नुकसान या हताहत होने की कोई खबर नहीं आई। हालांकि, धौलाकुंआ (Dhola Kuan) क्षेत्र में कुछ पेड़ उखड़ने की जानकारी प्राप्त हुई।
भूकंप के दौरान गूंज रही आवाज का कारण
भूकंप के दौरान दिल्ली (Delhi) में तेज गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई दी, जिसे लेकर विशेषज्ञों के बीच मतभेद हैं। एनडीटीवी (NDTV) से बात करते हुए भूकंप विशेषज्ञ डॉक्टर भावेश पांडेय (Dr. Bhavesh Pandey) ने बताया कि भूकंप का केंद्र पांच किमी नीचे था, और इस गहराई से आवाज का महसूस होना असंभव है। उनका कहना था कि यह संभव है कि भूकंप के कारण कुछ सामान गिरा हो या फिर लोग घबराहट में कुछ भ्रामक आवाजें सुन रहे हों। इसके अलावा, यह भी संभव है कि भूकंप की वजह से मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स (Multistorey Buildings) हलके से हिलने लगी हों, जिससे लोग उसे महसूस कर सकें।
क्या दिल्ली में आ सकता है बड़ा भूकंप?
दिल्ली (Delhi) में भूकंपों का आना क्या किसी बड़े भूकंप का संकेत है? इस सवाल का जवाब देते हुए डॉक्टर पांडेय (Dr. Pandey) ने कहा कि हर भूकंप कुछ नई जानकारी लेकर आता है। दिल्ली में स्थित फॉल्ट (Fault) की वजह से बहुत बड़े भूकंप की संभावना कम है, लेकिन यहां रिक्टर स्केल पर 4-5 का भूकंप भी भारी तबाही मचा सकता है, क्योंकि दिल्ली का संरचना बहुत कमजोर है और यहां की बसावट बहुत घनी है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के छोटे भूकंप (Small Earthquake) यह संकेत देते हैं कि धरती में कोई सक्रियता (Activity) हो रही है, जो बड़े भूकंप का संकेत हो सकती है। हालांकि, दिल्ली के पास एपिसेंटर (Epicenter) वाले भूकंप का असर ज्यादा नहीं होगा, लेकिन यदि उत्तराखंड (Uttarakhand) जैसे क्षेत्रों में बड़ा भूकंप आता है तो दिल्ली में भी इसका असर महसूस हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में हुए भूकंप का असर दिल्ली में ज्यादा महसूस किया जाता है क्योंकि उनका एपिसेंटर बहुत गहरे होते हैं।