Democracy in India : जर्मनी (Germany) के म्यूनिख (Munich) में सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस (Security Conference) के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) से लोकतंत्र को लेकर सवाल किया गया। उन्होंने बड़े ही शानदार तरीके से इशारों में जवाब देते हुए भारतीय लोकतंत्र की मजबूती पर जोर दिया। उनसे पूछा गया कि क्या दुनियाभर में लोकतंत्र खतरे में है? इस पर जयशंकर ने वोट के अधिकार और लोकतंत्र को लेकर अपने विचार स्पष्ट रूप से रखे। इस कार्यक्रम में नॉर्वे (Norway) के प्रधानमंत्री जोनास स्टोर (Jonas Store), अमेरिकी (USA) सांसद एलिसा स्लॉटकिन (Elissa Slotkin) और अन्य देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
जयशंकर का करारा जवाब, दिखा दी वोटिंग की स्याही वाली उंगली
एस जयशंकर ने कहा, “मैं निराशावादियों के बीच एक आशावादी व्यक्ति हूं। मैं अपनी एक उंगली उठाना चाहूंगा, इसे गलत तरीके से न लें। यह मेरी तर्जनी है और आप देख सकते हैं कि इस पर स्याही का निशान है। यह उस व्यक्ति की पहचान है, जिसने हाल ही में मतदान किया है। हमारे राज्य में अभी चुनाव हुए हैं और पिछले साल भारत में आम चुनाव भी संपन्न हुए थे।”
उन्होंने बताया कि भारत के चुनावों में लगभग दो-तिहाई योग्य मतदाता मतदान करते हैं। “90 करोड़ में से 70 करोड़ लोगों ने वोट डाला और हमने एक ही दिन में मतगणना पूरी कर दी। चुनाव के बाद कोई विवाद नहीं हुआ। हमने आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर मतदान प्रक्रिया को सरल बनाया है। अगर एक दशक पहले की तुलना करें तो अब 20% ज्यादा लोग चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा ले रहे हैं।”
भारत में लोकतंत्र मजबूत, चुनावी प्रक्रिया पर दिया जोर
जयशंकर ने कहा, “हमारा पहला संदेश यही है कि लोकतंत्र खतरे में नहीं है। हम इसे न केवल महसूस कर रहे हैं बल्कि इसे सफलतापूर्वक चला भी रहे हैं। हम अच्छी तरह वोट डालते हैं, और हमें अपने लोकतंत्र पर गर्व है।”
अमेरिकी सांसद एलिसा स्लॉटकिन ने कहा था कि “लोकतंत्र से आपके सामने भोजन नहीं आ जाता।” इस पर जयशंकर ने बेबाकी से जवाब दिया, “भारत में ऐसा ही होता है। हमारी सरकार 80 करोड़ लोगों को राशन देती है। कुछ समस्याएं हैं तो उनके समाधान भी मौजूद हैं।”