F-35 Stealth Fighter Jet – हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के अमेरिका दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत को F-35 स्टील्थ फाइटर जेट (F-35 Stealth Fighter Jet) बेचने की पेशकश की थी। इस मुद्दे पर अब भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह (Air Marshal AP Singh) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं आया है। साथ ही उन्होंने भारत की 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान प्रोग्राम (Fifth Generation Fighter Aircraft Program) को तेज करने की जरूरत पर जोर दिया।
F-35 पर भारतीय वायुसेना की स्थिति स्पष्ट
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव (India Today Conclave) में बोलते हुए एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने अब तक F-35 विमान का तकनीकी विश्लेषण नहीं किया है और इसकी लागत भी एक महत्वपूर्ण कारक है। उन्होंने कहा,
“हमें सावधानीपूर्वक यह देखना होगा कि हमारी आवश्यकताएं क्या हैं और F-35 हमें क्या ऑफर करता है। लागत भी एक बड़ा मुद्दा है। यह कोई वॉशिंग मशीन या फ्रिज नहीं है, जिसे देखा, पसंद किया और खरीद लिया। अभी तक हमारे पास इस पर कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं आया है।”
भारत को खरीदने पड़ सकते हैं तैयार लड़ाकू विमान
14 फरवरी को भारत और अमेरिका ने नई 10-वर्षीय रक्षा साझेदारी (10-Year Defense Partnership) पर हस्ताक्षर किए थे। इस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की थी कि अमेरिका, भारत को F-35 फाइटर जेट सहित अन्य सैन्य हार्डवेयर की बिक्री बढ़ाएगा।
हालांकि, एयर मार्शल एपी सिंह ने स्पष्ट किया कि चीन की छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान (6th Generation Fighter Jet) के प्रदर्शन को देखते हुए भारत को अपनी जरूरतों के अनुसार तैयार लड़ाकू विमान खरीदने पड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत का एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Advanced Medium Combat Aircraft – AMCA) प्रोजेक्ट अभी विकास के चरण में है और पहला विमान 2035 तक वायुसेना में शामिल हो सकता है। ऐसे में, भारत को तब तक अन्य विकल्पों पर विचार करना होगा।
भारतीय वायुसेना को कितने लड़ाकू विमानों की जरूरत?
वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास 30 फाइटर स्क्वाड्रन (Fighter Squadrons) हैं, जबकि स्वीकृत जरूरत 42 स्क्वाड्रन की है। एक स्क्वाड्रन में 18 फाइटर जेट्स होते हैं।
एयर मार्शल सिंह ने कहा कि चीन (China) और अमेरिका (USA) की नई तकनीकों के बीच भारत को भी अपनी एयरफोर्स को अपग्रेड करने की जरूरत है। उन्होंने कहा,
“यह एक बिल्ली और चूहे का खेल है जो हमेशा चलता रहेगा। फिलहाल, हम नई तकनीक के पीछे दौड़ रहे हैं। हमें एक ऐसी स्थिति में पहुंचना होगा जहां दुनिया हमारी तकनीक को फॉलो करे और भारत वैश्विक रक्षा क्षेत्र में अग्रणी बने।”
तेजस जेट (Tejas Jet) की देरी पर वायुसेना प्रमुख की प्रतिक्रिया
वायुसेना प्रमुख ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited – HAL) के अधिकारियों को तेजस लड़ाकू विमान (Tejas Fighter Jet) की देरी पर फटकार लगाने के वायरल वीडियो पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे “मित्रवत बातचीत” (Friendly Discussion) बताते हुए कहा,
“किसी निजी बातचीत को लीक करना सही नहीं है। मैं HAL के अपने सहयोगियों से बात कर रहा था। हम साथ प्रशिक्षित हुए हैं और यह एक फ्रेंडली चर्चा थी।”
अमेरिका से F-35 डील अभी शुरुआती स्तर पर
प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने कहा था,
“इस साल से हम भारत को सैन्य बिक्री में कई अरब डॉलर का इजाफा करेंगे। हम भारत को अंततः F-35 स्टील्थ फाइटर जेट देने का रास्ता साफ कर रहे हैं।”
यह लड़ाकू विमान दुनिया के सबसे घातक (Lethal), टिकाऊ (Durable) और कनेक्टेड (Connected) फाइटर जेट्स में से एक माना जाता है।
हालांकि, इस संभावित डील पर भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी (Vikram Misri) ने कहा कि,
“यह अभी सिर्फ एक प्रस्ताव है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई औपचारिक प्रक्रिया शुरू हुई है।”
F-35 फाइटर जेट को लेकर भारतीय वायुसेना की स्थिति स्पष्ट है – यह कोई आसान खरीदारी नहीं है और इसे कई पहलुओं पर विश्लेषण करने की जरूरत होगी। भारत अपनी स्वदेशी 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (AMCA) के विकास को तेज करने की योजना बना रहा है, लेकिन जब तक यह पूरा नहीं होता, तब तक अन्य फाइटर जेट्स पर विचार करना होगा।