Chandigarh Mayor Election 2025 में बड़ा उलटफेर : चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बड़ी जीत दर्ज की है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस (Congress) को बड़ा झटका लगा, क्योंकि उनकी संयुक्त रणनीति के बावजूद क्रॉस वोटिंग (Cross Voting) ने पूरा खेल पलट दिया।
BJP उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला (Harpreet Kaur Babla) को 19 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को सिर्फ 17 वोट ही मिले। कुल 36 पार्षदों ने मतदान किया, जिसमें BJP के पास केवल 16 पार्षद थे, लेकिन क्रॉस वोटिंग के चलते उन्हें 3 अतिरिक्त वोट मिले, जिससे उनकी जीत पक्की हो गई।
सीनियर डिप्टी मेयर कांग्रेस का बना
मेयर चुनाव के नतीजे के बाद अब दिल्ली में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रही कांग्रेस और AAP के बीच सियासी घमासान तेज हो सकता है। हालांकि, भाजपा का कहना है कि चंडीगढ़ में विकास न होने की वजह से अंतरात्मा की आवाज सुनकर पार्षदों ने भाजपा के हक में मतदान किया है।
वहीं, सीनियर डिप्टी मेयर के नाम का ऐलान भी हो गया है। कांग्रेस के उम्मीदवार जसबीर सिंह बंटी को सीनियर डिप्टी मेयर चुना गया है। उन्हें कुल 19 वोट मिले। जबकि, भाजपा उम्मीदवार बिमला दुबे को 17 वोट मिले। अब डिप्टी मेयर के लिए मतदान हो रहा है।
Cross Voting ने बदला पूरा नतीजा
BJP की जीत की सबसे बड़ी वजह Cross Voting रही। AAP और कांग्रेस के कुल 19 पार्षदों में से 3 पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग कर BJP के पक्ष में मतदान किया। चंडीगढ़ नगर निगम (Chandigarh Municipal Corporation) में AAP के 13 और कांग्रेस के 6 पार्षद थे, लेकिन यह गठबंधन अपनी संख्या को बरकरार नहीं रख सका।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मेयर चुनाव पर रखी थी नजर
गौरतलब है कि इस चुनाव में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी अहम भूमिका निभाई। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab & Haryana High Court) के पूर्व जज जय श्री ठाकुर (Justice Jay Shri Thakur) को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था, ताकि निष्पक्ष चुनाव हो सके।
पिछले साल 20 फरवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों की जांच के बाद फिर से मतगणना के आदेश दिए थे। इस बार भी कोर्ट ने पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए थे।
Chandigarh Mayor चुनाव में AAP-कांग्रेस को क्यों मिली हार?
Cross Voting – गठबंधन के तीन पार्षदों ने BJP को वोट दिया, जिससे पूरा समीकरण बदल गया।
BJP की रणनीति – बीजेपी ने पार्षदों को अपने पक्ष में करने के लिए मजबूत लॉबिंग की।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती – चुनावी प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखी गई, जिससे कोई धांधली नहीं हो सकी।
राजनीतिक अस्थिरता – आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच तालमेल की कमी नजर आई।
पिछले साल क्या हुआ था?
2023 के चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मतों की फिर से गिनती कराई गई थी। इसमें 8 अमान्य बैलेट को वैध माना गया, जिससे नतीजे पलट गए थे। उस समय रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह (Anil Masih) पर पक्षपात के आरोप लगे थे और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था।
BJP की जीत से AAP और कांग्रेस को झटका
BJP के लिए यह जीत महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि AAP और कांग्रेस ने मिलकर उसे हराने की पूरी कोशिश की थी। अब इस जीत के बाद चंडीगढ़ में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।
क्या आगे होगा?
AAP और कांग्रेस के असंतुष्ट पार्षदों की पहचान होगी?
BJP अपनी पकड़ और मजबूत करेगी?
- सुप्रीम कोर्ट आगे कोई कार्रवाई करेगा?
BJP की यह जीत कई राजनीतिक संदेश दे रही है। अब देखना होगा कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इस हार से क्या सबक लेती हैं।