राजा के आगे पैदल प्यादे पंजाब का मैदान कांग्रेसी जंग का मैदान बना हुआ है। रोज नए नए हथियार आजमाए जा रहे हैं, कांग्रेस को हराने खातिर कांग्रेसी भिड़े पड़े हैं। तीर, तलवार, कमान, जुबान वार पर वार अपने ही राजा जी के खिलाफ सेनापति की बगावत का पैगाम ले प्यादे देहरादून से दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे हैं। राजा को धराशाही कर सिंहासन पर बैठने के सिद्धस्वप्न में खोए नए नए प्रधान हर रोज महाराजा की बाहें मरोड़ रहे हैं। बगावत कर बागी झंडा बुलंद कर प्रधान बनने तक के सफर में पहाड़ के प्रमुख ने भी सिद्धू का साथ दिया। पर जब राजा को कुर्सी से उतार सिद्धू के ताजपोशी की शर्त सामने आई तो राजनीति के चतुर खिलाड़ी रावत ने भौंहे तरेर आँखें लाल कर ली, हरीश की हरकत देख पैदल प्यादों को समझ आ गया राजा राजा होता है, बेचारे प्यादे पैदल ही चलते हैं।
कप्तान ने कैप्टन के खिलाफ अपने पांच चहेते लड़ाके मैदान में उतारे रंधावा, सरकारिया, बाजवा और परगट सबने हल्ला बोल दिया। बुलंद आवाज से राजा के दरबार को ललकार घेराबंदी की गई। सिंहासन खाली करो अब सिद्धू की बारी है इस नारे के साथ बिसात बिछा राजा को घुटने पर टिकाने का दांव खेला गया। चन्नी ने चुनौती दी कैप्टन की कमान में पंजाब के मसले नहीं हल होने वाले, दिल्ली जाकर हाईकमान को बताएंगे जमीनी हकीकत। मंत्री तृप्त सिंह अतृप्त हो एक कदम और आगे बढ़े अपने ही मुख्यमंत्री को दल का गद्दार करार दिया आरोप लगाया सीएम चाहते हैं चुनाव बाद वो जाएं और अकाली वापस लौट आए, यह मिलीभगत है। मंत्री सुखजिंदर रंधावा भड़क कर बोले मुख्यमंत्री अमृतसर में एक हजार लोगों से मिल सकते हैं पर कैबिनेट की मीटिंग वर्चुअल करते हैं ताकि हमसे सामना ना हो सके। हॉकी खिलाड़ी परगट ने कैप्टन को पोल मान सीधा गोल दाग दिया विधायक सीएम के काम से संतुष्ट नहीं हैं, हाईकमान से मिलकर सीएम बदलने की मांग करेंगे महासचिव बनते ही प्रगट के बोल सिद्धू के उपकार को स्वीकार कर अपने ही मुख्यमंत्री पर यह दनदनाता वार कांग्रेस भरोसे की कमर जनता के बीच तोड़ने के लिए सटीक निशाने पर हैं।
राजा ने कांग्रेस के भीतर विरोधी कांग्रेसियों को घेरने के लिए कांग्रेसी बागियों के बगावत से कांग्रेस का राज और कांग्रेसी राजा का दरबार बचाने की चाल के काट ने अपने चतुर मंत्रियों की सेना को मोर्चा संभलाने की जिम्मेदारी दे, विजयी भव का आशीर्वाद दे रवाना किया। बड़ी जिम्मेदारी और कठिन समय का आभास होते ही मंत्रियों की टोली ने धावा बोल दिया, मोहिद्र सिंहला, भूषण, बलवीर, धर्मसोत ने प्रधान सिद्धू की कमजोर कड़ी बन खड़े माली के बयान को देश विरोधी करार दे सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग कर सिद्धू को कटघरा दिखा दिया। बार-बार बोलने और कई बार बिना बात ही बोल पड़ने वाले बेरका भी मैदान में कूद पड़े सिद्धू के सलाहकारो की बयानबाजी को देश हित के विरुद्ध, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा करार दे धधकती आग की लपटों में घी डालने की अपनी महारत साबित करने में जरा भी देर नहीं की।
पहले से ही आग बबूला हो कांग्रेस झुलसाने में मशगूल माली को बेरका के इस सीधे वार ने पहले से ज्यादा उग्र, खूंखार और ज्यादा हमलावर बना दिया कांग्रेसी सरकार की कमान को पाकिस्तानी कनेक्शन से जोड़ माली ने महाराजा का दिल किसके लिए धड़कता है पूछ लिया। पंजाब की सरकार किसके हाथों खेलती है? इस सवाल का सोशल मीडिया पर खुद ही सबूत दे एक महिला पाकिस्तानी पत्रकार की फोटो पोस्ट कर पूछा आपकी प्रशासनिक और सुरक्षा सलाहकार कौन हैं? जो पूरा पंजाब जानना चाहता है वही लोकप्रिय सवाल दाग राजा से पाकिस्तानी हाल पूछ लिया। माली यही नहीं रुके उन्होंने पाकिस्तानी महिला पत्रकार, मुख्यमंत्री, पंजाब के डीजीपी, मुख्यसचिव की साझा तस्वीर की सरेआम नुमाइश कर कैप्टन की टीम पर करारा प्रहार वार किया। सीएम अमरिंदर सिंह के सलाहकार रहे भरत इंदर चहल के हिमाचल में एकत्रित अकूत संपत्ति पर भी हमला बोल माली ने मुख्यमंत्री और भ्रष्टाचार के प्यार को भी उजागर किया।
पंजाब के कांग्रेसी मुख्यमंत्री पर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार ने धमाकेदार पलटवार में आरोप लगाये की पंजाब सरकार में तब्दीलिया मोदी और सुखबीर की अर्जी मर्जी से हो रही है। सरकार में मोदी बादल की चलती है, कैप्टन के तो बस कागज़ पर दस्तख्त चलते हैं। कुल मिलकर माली की माने तो मोदी बादल के मुखौटा बन कर सरकार चला रहे हैं महाराजा।
देहरादून से दिल्ली की टिकट ना कटा पाने वाले बागी विधायकों की टोली में से कुछ यूटर्न के माहिर खिलाड़ियों ने विरोधी राग छोड़ राग दरबारी का सुर छेड़ दिया है। देहरादून की जमीं छोड़ पंजाब आने से पहले ही सात एमएलए राजा से आँख मिलाने से पहले ही दुम दबा खुद को दरबार का वफादार बता राजा की शान में कसीदे पढ़ रहे हैं। कांग्रेस की कुर्सी हिलाने, खिसकाने, सरकाने का काम जितनी शिद्दत से कांग्रेसी कर रहे हैं सच इतनी जद्दोजहद तो विपक्षी खेमा भी नहीं कर पा रहा है।
कांग्रेसी कैप्टन को अलीबाबा और मंत्रियों को चालीस चोर बता शोर मचा रहे हैं। कांग्रेस का मजाक बना ठोको ताली की तान पर उड़ा ठहाके मार रहे हैं। कांग्रेस कांन्ग्रेस को काट कुर्सी कैसे जीत पाएगी दबाव, बयानबाजी, बड़बोलेपन से प्रधान तो बना जा सकता है। पर कांग्रेस को ही चोर, गद्दार, नकारा, नाकाम बता मुख्यमंत्री कैसे बन सकते हो सिद्धू जी? प्रधान जी यह कुर्सी 10 जनपथ की खैरात नहीं यह तो जनता दरबार से जनता की वोट से, जनता के द्वारा जनता का दिल जीत जीती जाती है।
अपने ही सरकार को भ्रष्ट अपने मुख्यमंत्री को नकारा अपने ही मंत्रियों को लुटेरा, खजाना चोर बता कांन्ग्रेस की जड़ उखाडने में मशगूल सिद्धू और साथी
सलाहकार माली के सहारे कांग्रेस की क्यारी खोद रहे हैं। उजड़ी कांग्रेस को उजाड़ते ये माली कैसे बागवां हैं जो अपनी ही सरकार को ललकार नफरत माली की गाली, सिद्धू की घेरा, परगट के आरोप, चन्नी की चुनौती, बाजवा की बगावत, रंधावा के रण के बीच महारानी परनीत का अपने महाराजा को बचाने में उतरना क्या डूबती कांन्ग्रेस को डूबोते कांग्रेसियों से बचा चुनावी मझधार से पार करा पाएगी। राजा रानी की ये शाही सरकार क्या जनता को बता पाएगी कांग्रेसी ही कांग्रेस को क्यों हरा रहे हैं? कांग्रेस ही कांग्रेस की दुश्मन क्यों है? पंजाब चुनाव क्या कांग्रेस बनाम कांग्रेसी ही लड़ा जा रहा है? आखिर हाथ को हाथ से मरोड़ कांग्रेस के हाथ में क्या बचेगा? इस घनघोर कांग्रेसी घमाशान में विपक्ष का काम आसान कर दिया है। विरोधी तो महज तमाशबीन बन खड़ी कांग्रेसी तमाशा जनता के साथ देख रही है। कांग्रेस को कुचलने के लिए एक ही सिद्दू काफी था, अंजामें कांग्रेस क्या होगा हर साख पर सिद्धू बैठा है।