नई दिल्ली, 11 फ़रवरी (The News Air):- दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ‘शीशमहल’ का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। पार्टी ने यह कहा था कि यदि उनकी सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री शीशमहल में नहीं रहेंगे। अब चुनाव जीतने के बाद भाजपा ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक पत्र भेजा है, जिसमें चार सरकारी बंगलों के विलय को रद्द करने की मांग की गई है।
ज्ञात हो कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री रहते हुए जिस बंगले में निवास करते थे, उसे भाजपा और कांग्रेस ‘शीशमहल’ के नाम से पुकारते हैं। भाजपा ने इस बंगले के पुनर्निर्माण और सजावट पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाने का आरोप लगाया था। साथ ही, पार्टी ने यह भी कहा था कि इस बंगले में चार सरकारी बंगलों का विलय किया गया है।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि दिल्ली के नए मुख्यमंत्री इस बंगले में नहीं रहेंगे। इसके बजाय, इस बंगले का उपयोग किस प्रकार किया जाएगा, इसका निर्णय दिल्ली सरकार द्वारा लिया जाएगा।
इसके पहले, रोहिणी विधानसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा था कि सरकार बनने के बाद विधानसभा की पहली बैठक में अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के नवीनीकरण पर हुए खर्च को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के साथ सदन में पेश किया जाएगा।
इससे पहले, भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने भी कहा था कि कोई नया मुख्यमंत्री शीशमहल में नहीं रहना चाहिए, क्योंकि यह बहुत बड़ा बंगला है, जिसमें केवल बड़े धनी लोग या शेख रह सकते हैं, न कि कोई जनसेवक। उन्होंने सुझाव दिया कि इसे गेस्ट हाउस या संग्रहालय में बदल दिया जाना चाहिए।