The News Air- चंडीगढ़ पंजाब में ड्रग एक बड़ा मुद्दा है। हजारों करोड़ के ड्रग कारोबार मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट आज सुनवाई करेगी। हाईकोर्ट की डबल बेंच में 2 बजे मामला सुनवाई के लिए आएगा। इससे पहले हाईकोर्ट में पेश की गई 2018 की एसटीएफ रिपोर्ट के आधार पर ‘चन्नी सरकार’ अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को जेल भेज चुकी है। 2013 में हाईकोर्ट ने पूर्व डीजीपी(जेल) शशिकांत की चिटि्ठयों के आधार पर सुओ-मोटो केस शुरू किया था।
मामले में हरियाणा और चंडीगढ़ भी पक्ष हैं। पंजाब में आम आदमी पार्टी की नई सरकार बनी है। सरकार ने चुनाव में ड्रग के मुद्दे को उठाया था। अब पंजाब से ड्रग की समस्या को खत्म करने के लिए सरकार को अपना रोडमैप हाईकोर्ट में बताना होगा। वहीं ड्रग के कारोबार से जुड़े अपराधियों को धर दबोचना भी सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण काम होगा। पिछले कई सालों से ड्रग की समस्या के चलते नौजवान अपनी जान गंवा चुके हैं।
कोरोना के चलते 2 साल केस में कोई खास सुनवाई नहीं हो पाई थी। मामले में एडवोकेट नवकिरण सिंह एसटीएफ, ईडी आदि की सील्ड रिपोर्टर्स को खोलने की मांग कर चुके हैं। पिछले साल मजीठिया ने केस में पक्ष बनने के लिए अर्जी भी दायर की थी। मजीठिया पर पूर्व सरकार ने बीते वर्ष 20 दिसंबर को एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। हाईकोर्ट ने इसी वर्ष जनवरी में मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर दी थी।
पंजाब सरकार को लग चुकी है फटकार
हाईकोर्ट ने पिछले वर्ष दिसंबर में पंजाब सरकार को गहरी नींद से जाग ड्रग मामले में कार्रवाई को कहा था। जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस संदीप मोदगिल की बेंच ने यह टिप्पणी की थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि अभी तक मामले में बातें ही हुई हैं, सरकार ने ड्रग मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की।