Arvind Kejriwal News – दिल्ली (Delhi) के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के घर शुक्रवार (7 फरवरी) को एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti-Corruption Bureau – ACB) की टीम पहुंची। ACB की टीम करीब डेढ़ घंटे तक उनके घर पर मौजूद रही और फिर एक नोटिस देकर वापस लौट गई।
AAP ने इस छापेमारी को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। पार्टी की लीगल टीम का कहना है कि ACB बिना किसी नोटिस के आई थी और इस कार्रवाई के पीछे राजनीतिक साजिश हो सकती है।
ACB ने अरविंद केजरीवाल को क्या नोटिस दिया?
AAP की लीगल टीम के मुताबिक, ACB की टीम ने अरविंद केजरीवाल से एक मामले में बयान दर्ज कराने के लिए कहा है।
ACB का यह कदम AAP के हालिया आरोपों के बाद सामने आया है, जिसमें पार्टी ने दावा किया था कि चुनाव से पहले उनके उम्मीदवारों को 15-15 करोड़ रुपये और मंत्री पद का ऑफर दिया जा रहा है।
AAP की लीगल टीम ने ACB की कार्रवाई पर उठाए सवाल
AAP की लीगल सेल के प्रमुख संजीव नासियार (Sanjeev Nasiar) ने ACB की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा, “ACB की टीम बिना किसी आधिकारिक दस्तावेज या स्टांप के आई थी। उन्हें नोटिस तैयार करने में डेढ़ घंटे का समय लगा और वह भी बाहर से तैयार करवाया गया।”
उन्होंने आगे कहा कि शिकायतकर्ता का नाम भी नोटिस में नहीं है, जबकि ACB ने मौखिक रूप से बताया कि यह LG (Lieutenant Governor) के पर्सनल सेक्रेटरी की ओर से की गई शिकायत पर आधारित है।
AAP नेता संजय सिंह ने ACB में दी शिकायत
AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने ACB में एक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि AAP उम्मीदवारों को पैसे और पद का लालच दिया जा रहा है।
संजय सिंह ने ACB को एक मोबाइल नंबर सौंपा, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि, “गुरुवार (6 फरवरी) को 12:09 बजे हमारे प्रत्याशी मुकेश अहलावत (Mukesh Ahlawat) को एक फोन कॉल आई, जिसमें उन्हें 15 करोड़ रुपये और मंत्री पद का ऑफर दिया गया।”
AAP vs. BJP: बढ़ती सियासी जंग
AAP ने इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया है और आरोप लगाया है कि BJP (भारतीय जनता पार्टी) आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को खरीदने की कोशिश कर रही है।
AAP ने मांग की है कि ACB निष्पक्ष जांच करे और यह स्पष्ट करे कि नोटिस किस आधार पर दिया गया है।
ACB की चुप्पी और आगे की कार्रवाई
ACB की ओर से इस पूरे मामले में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह साफ है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जांच का दबाव बढ़ रहा है।
अब देखने वाली बात होगी कि AAP इस मामले में कोर्ट का रुख करेगी या ACB की जांच का सामना करेगी।