Pakistan-China Military Alliance – भारत के सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ती सैन्य साझेदारी को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भारत को दो मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार रहना होगा, क्योंकि पाकिस्तान की अधिकतर सैन्य तकनीक चीन से आती है।
सेना प्रमुख ने जताई रणनीतिक चिंता
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में बोलते हुए जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारत को अपने सीमावर्ती इलाकों पर मजबूत सुरक्षा बनाए रखनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद का केंद्र सिर्फ एक देश (पाकिस्तान) है, और अगर वह किसी अन्य पड़ोसी देश के साथ संबंध मजबूत करता है, तो यह भारत के लिए चिंता की बात हो सकती है।
बांग्लादेश के साथ बढ़ते पाकिस्तान के रिश्तों पर क्या बोले सेना प्रमुख?
जब सेना प्रमुख से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश का नया गठजोड़ भारत के लिए खतरा बन सकता है, तो उन्होंने बांग्लादेश को लेकर जल्दबाजी में निष्कर्ष न निकालने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भारत को बांग्लादेश में नई सरकार के रुख का इंतजार करना चाहिए, हालांकि भारतीय सेना और बांग्लादेशी सेना के बीच अच्छे संबंध बने हुए हैं।
सीमा पर आतंकवादी गतिविधियां जारी, सेना सतर्क
एलओसी (LoC) पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को लेकर सेना प्रमुख ने स्पष्ट किया कि सीमा पार से घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों में कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने बताया कि 2018 से अब तक आतंकवादी घटनाओं में 83% की गिरावट आई है, लेकिन खतरा अब भी बना हुआ है।
चीन के साथ हालात और भविष्य की रणनीति
पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होने के बावजूद सेना प्रमुख ने आगाह किया कि चीन के साथ सतर्कता बरतनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सेना को हमेशा इस स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए कि भविष्य में चीन से टकराव की संभावना बनी रहे।
अग्निवीर योजना को लेकर सेना प्रमुख का बड़ा बयान
सेना प्रमुख ने अग्निवीर भर्ती योजना को सफल बताया और कहा कि इससे सेना को युवा और ऊर्जावान सैनिक मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि योजना में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं, जिनमें उम्र सीमा और स्थायी भर्ती की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
क्या जम्मू-कश्मीर से हटेगा AFSPA? सेना प्रमुख का जवाब
जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (AFSPA) को हटाने की संभावना पर सेना प्रमुख ने कहा कि यह संभव तो है, लेकिन अभी यह व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने बताया कि जब स्थानीय पुलिस स्थिति को पूरी तरह से संभालने में सक्षम होगी, तब AFSPA को हटाने पर विचार किया जाएगा।
सेना प्रमुख के इन बयानों से साफ है कि भारत को अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क रहना होगा। पाकिस्तान और चीन की बढ़ती साझेदारी भारत के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है, जबकि बांग्लादेश की भूमिका पर भी नजर रखनी होगी। भारतीय सेना इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।