NSE F&O Ban List : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की एफएंडओ बैन के तहत आने वाले स्टॉक्स की लिस्ट में मंगलवार, 12 अप्रैल को एक और स्टॉक जुड़ गया। दरअसल इस शेयर की मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट (MWPL) 95 फीसदी के पार चली गई है।
आरबीएल बैंक (RBL Bank) में फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में ट्रेडिंग पर पहले से बैन लगा हुआ है। अब एफएंडओ बैन लिस्ट (F&O ban list) में गेमिंग और हॉस्पिटैलिटी कंपनी डेल्टा कॉर्प (Delta Corp) के रूप में नया नाम जुड़ गया है। इसके साथ ही बैन लिस्ट में अब दो स्टॉक्स शामिल हैं।
डेल्टा कॉर्प के प्रॉफिट में आई गिरावट
सोमवार को डेल्टा कॉर्प के शेयर में लगभग 2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। कंपनी ने सोमवार को ही स्टॉक मार्केट बंद होने के बाद अपने तिमाही नतीजे जारी किए थे। मार्च, 2022 में समाप्त तिमाही के दौरान कंपनी का प्रॉफिट 17 फीसदी घटकर 48.11 करोड़ रुपये रह गया, जबकि एक साल पहले समान तिमाही में यह आंकड़ा 57.77 करोड़ रुपये रहा था। वहीं कंपनी का तिमाही रेवेन्यू 3 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी के साथ 218.32 करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले समान अवधि में 211.34 करोड़ रुपये का रेवेन्यू अर्जित किया था।
पोजिशन बढ़ाई तो क्या होगा
एनएसई (NSE) के मुताबिक, उक्त सिक्योरिटीज में डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स (derivative contracts) की मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट (MWPL) 95 फीसदी के पार चली जाती है। इसलिए, इन्हें स्टॉक एक्सचेंज ने बैन लिस्ट में डाल दिया है।
एनएसई (NSE) ने कहा, “बताया जाता है कि सभी क्लाइंट्स/ मेंबर्स संबंधित सिक्योरिटीज में अपनी पोजिशन घटाने के लिए ही डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स में ट्रेड करेंगे। ओपन पोजिशन में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी पर दंडात्मक और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।”
स्टॉक एक्सचेंज तय करते हैं मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट
जब कोई स्टॉक एफएंडओ बैन पीरियड में होता है तो किसी एफएंडओ कॉन्ट्रैक्ट्स में नई पोजिशन के लिए अनुमति नहीं होती है। मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट (MWPL) स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा तय की जाती है जो किसी भी समय अधिकतम संख्या में ओपन कॉन्ट्रैक्ट्स (ओपन इंटरेस्ट) की संख्या है। इसलिए, यदि किसी स्टॉक में ओपन इंटरेस्ट एमडब्ल्यूपीएल का 95 फीसदी से ज्यादा हो जाता है तो स्टॉक में एफएंडओ कॉन्ट्रैक्ट्स बैन पीरियड में प्रवेश कर जाते हैं।